मेरठ। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाए जाने के मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया है। एसपी देहात को बताया कि उनके यहां से जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनवाया गया। उन्होंने खुद ही फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए होंगे।
जांच में ये भी सामने आया है कि सिपाही ने दरोगा को बिना कागजात दिए ही खुद रिपोर्ट लगा दी थी। आज शुक्रवार को वे अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप देंगे। राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से चार अप्रैल को मोबाइल पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई। रंगदारी गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने मांगी थी। रंगदारी वसूलने के लिए रोहित ने राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र, खजोहर लाल निवासी फतेहपुर बीकानेर को कहा था। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी को दबिश दी तो सामने आया कि वे मेरठ से फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए हैं।
राजस्थान पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि दोनों बदमाशों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी निवासी राजू वैद्य ने बनवाए थे। उसने कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी में फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार कराए। मेरठ नगर निगम का जन्म प्रमाणपत्र बनवाया गया। जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर दोनों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराए गए। आधार कार्ड से फर्जी नामों से बैंक में भी खाते खुलवा लिए। इसके बाद राजू वैद्य ने गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट का आबेदन किया।
कंकरखेड़ा थाने के सिपाही ने बिना जांच करे ही दरोगा से हस्ताक्षर कराकर उनकी आइडी से ही कागजात भेज दिए। लखनऊ से रिपोर्ट पहुंचने पर पासपोर्ट कार्यालय से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट जारी कर दिए। दोनों बदमाश राहुल और महेंद्र पासपोर्ट मिलते ही दुबई फरार हो गए। इस मामले में बीकानेर के फतेहपुर थाने में राजू वैद्य को नामजद करते हुए कंकरखेड़ा पुलिस और नगर निगम को भी आरोपी बनाया था।
इस मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर को रिपोर्ट सौंपी थी। एसपी देहात ने बताया कि उनकी जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के एक सिपाही ने दरोगा को पासपोर्ट की जांच के लिए कागजात दिए बिना ही रिपोर्ट लगा दी। जांच में उसकी लापरवाही मिली है।
लिया है। एसपी देहात को बताया कि उनके यहां से जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनवाया गया। उन्होंने खुद ही फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए होंगे।
जांच में ये भी सामने आया है कि सिपाही ने दरोगा को बिना कागजात दिए ही खुद रिपोर्ट लगा दी थी। आज शुक्रवार को वे अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप देंगे। राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ मोमासर बास निवासी व्यापारी जुगल तावणिया से चार अप्रैल को मोबाइल पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई। रंगदारी गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने मांगी थी। रंगदारी वसूलने के लिए रोहित ने राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र, खजोहर लाल निवासी फतेहपुर बीकानेर को कहा था। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी को दबिश दी तो सामने आया कि वे मेरठ से फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए हैं।
राजस्थान पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि दोनों बदमाशों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी निवासी राजू वैद्य ने बनवाए थे। उसने कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी में फर्जी पते पर पासपोर्ट तैयार कराए। मेरठ नगर निगम का जन्म प्रमाणपत्र बनवाया गया। जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर दोनों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराए गए। आधार कार्ड से फर्जी नामों से बैंक में भी खाते खुलवा लिए। इसके बाद राजू वैद्य ने गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट का आबेदन किया।
कंकरखेड़ा थाने के सिपाही ने बिना जांच करे ही दरोगा से हस्ताक्षर कराकर उनकी आइडी से ही कागजात भेज दिए। लखनऊ से रिपोर्ट पहुंचने पर पासपोर्ट कार्यालय से तत्काल में दोनों के पासपोर्ट जारी कर दिए। दोनों बदमाश राहुल और महेंद्र पासपोर्ट मिलते ही दुबई फरार हो गए। इस मामले में बीकानेर के फतेहपुर थाने में राजू वैद्य को नामजद करते हुए कंकरखेड़ा पुलिस और नगर निगम को भी आरोपी बनाया था।
इस मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर को रिपोर्ट सौंपी थी। एसपी देहात ने बताया कि उनकी जांच में सामने आया कि कंकरखेड़ा थाने के एक सिपाही ने दरोगा को पासपोर्ट की जांच के लिए कागजात दिए बिना ही रिपोर्ट लगा दी। जांच में उसकी लापरवाही मिली है।