मेरठ। 1857 के क्रांति नायक शहीद धन सिंह कोतवाल शोध संस्थान द्वारा धन सिंह कोतवाल के जन्मोत्सव कार्यक्रम पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अप्लाइड साइंस सभागार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में किया।
कार्यक्रम में योग गुरु एवं आयुर्वेदाचार्य स्वामी कर्मवीर महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि धन सिंह कोतवाल किसी एक जाति की आजादी के लिए क्रांति की शुरुआत नहीं किए थे। उन्होंने अपने देश पर राष्ट्र की भावना से प्रेरित होकर क्रांति की, ताकि देश आजाद हो सके और आज बहुत खुशी की बात है कि देश का हर समाज, हर वर्ग का नागरिक धनसिंह कोतवाल को नमन करता है। उनके जन्मोत्सव को मानता है, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुख्य अतिथि गोवर्धन भाई झडपिया ने अपने उद्बोधन में गुर्जर भूमि गुजरात का नारा लगाते हुए गुर्जरों के गुजरात के इतिहास का रेखांकित किया तथा बताया कि मैं धन सिंह कोतवाल को नमन करने के लिए उनके गांव पांचली में धन सिंह कोतवाल के वंशज तस्वीर सिंह चपराना की आवास पर गया और वहां धन सिंह कोतवाल जी के सभी परिजनों से मुलाकात की और उस पावन मिट्टी को नमन किया।
धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान ने जो पांच मांग पत्र सरकार से रखी हैं, मैं उन्हें केंद्र सरकार के मंत्रियों के सामने रखूगा।उन्होंने कहा संगठन की एकता अपनी बात मनवाने की ताकत है। अपने संगठन को मजबूत करके बात कहोगे तो आपकी बात सुनी जाएगी और सरकार भी धनसिंह कोतवाल को वही सम्मान देगी जिसके वह हकदार है.बिना संगठन की ताकत के अपनी मांग कमजोर हो जाती है।
इस मौके पर गणमान्य लोगों को सम्मानित किया। जिसमें सम्मानित होने वाले प्रमुख विद्वानों में पूर्व प्रधानाचार्य रामपाल सिंह , वरिष्ठ पत्रकार राजेश पटेल . प्रोफेसर देवेश शर्मा, डॉक्टर सुशील भाटी, जी. एम. बृजपाल सिंह चौहान, धन सिंह कोतवाल की शोर गाथा के लेखक सत्येंद्र पटेल प्रखर, करनल देवानंद सिंह, करनल अतर सिंह, प्रधानाचार्य संजीव नागर, अरुण प्रधान, हरिओम बैंसला, धर्मवीर सिंह, आदि को धन सिंह कोतवाल जी पर विशेष कार्य करने के लिए स्वामी कर्मवीर जी महाराज, पूर्व गृहमंत्री गोवर्धन भाई झडपि