मेरठ। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के पत्र व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के अनुसार 09 दिसम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में वादों को चिन्हित करते हुए निस्तारित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
उक्त के अनुक्रम में 1 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण किये जाने हेतु पद्माकर मणि त्रिपाठी, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय मेरठ, वीणा नरायण, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या – 01 तथा पुष्पा सिहं, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या-2 मेरठ की परिवारिक मामलों अधिवक्तागण के साथ चौदह न्यायालय भवन के सभागार कक्ष में प्री-ट्रायल बैठक आहूत की गयी, जिसमें वैवाहिक प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण किये पर विचार-विमर्श किया गया, ताकि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक जनता को लाभान्वित किया जा सकें।
उक्त बैठक में पद्माकर मणि त्रिपाठी, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय मेरठ, वीणा नारायण, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या-1 एंव पुष्पा सिहं, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या-2 मेरठ तथा हरीराम, अपर जिला न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेरठ द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में किस प्रकार अधिक से अधिक वादो का निस्तारण किया जा सकता है, उक्त सम्बन्ध में अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये।