मेरठ।निजी अस्पतालों की मनमानी, दवाओं के मनमाने दाम वसूलने के विरोध में सपा विधायक अतुल प्रधान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। मेरठ कलेक्ट्रेट में अतुल प्रधान ने समर्थकों के साथ डीएम दफ्तर के बाहर डेरा जमाया है। मांग है कि निजी अस्पतालों की जो मनमानी, खुलेआम लूट इलाज के नाम पर चल रही है, वो बंद हो। साथ ही गलत तरीके से संचालित अवैध अस्पतालों को बंद किया जाए। वहीं समर्थकों की मांग है कि न्यूटिमा अस्पताल प्रकरण में अतुल प्रधान सहित 40 लोगों पर जो मुकदमा हुआ है वो वापस लिया जाए। अतुल प्रधान के समर्थन में सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, महानगर अध्यक्ष आदिल सहित अन्य सपा नेता भी पहुंचे हैं।
अतुल प्रधान के ऊपर न्यूटिमा अस्पताल प्रकरण में डॉक्टरों की तरफ से मुकदमा कराया गया है। इसी के विरोध में सपा विधायक समर्थकों संग आमरण अनशन पर बैठ रहे हैं। दीपावली से पहले ही विधायक ने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी थी। 20 दिन से ज्यादा का समय गुजरने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ है। अतुल के समर्थक कलेक्ट्रेट में ट्रेक्टर लेकर घुस गए और वहीं डेरा जमा लिया है। वहीं माहौल न बिगड़े इसलिए भारी पुलिसफोर्स का इंतजाम भी कलेक्ट्रेट और आसपास किया गया है।
न्यूटिमा अस्पताल प्रकरण पर आमने-सामने हैं विधायक, डॉक्टर
मेरठ के गढ़ रोड स्थित निजी अस्पताल न्यूटिमा में दीपावली से पहले अतुल प्रधान और अस्पताल प्रबंधन के बीच कहासुनी हुई थी। सरधना क्षेत्र के मरीज को इलाज के बाद दवाएं और बिल के पैसे भुगतान को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आए थे। तभी से डॉक्टर और विधायकों में विवाद बढ़ता जा रहा है। विधायक अतुल के पक्ष में आप, आसपा, रालोद कुछ छात्र नेता और वकील आ गए हैं। भाजपा अंदर खाने निजी डॉक्टरों का समर्थन कर रही हैं। सारे डॉक्टर, आइएमए और नर्सिंग होम एसो. मिलकर विधायक के विरोध में उतरे हैं। इसी प्रकरण में अतुल प्रधान सहित अन्य लोगों पर मुकदमा हुआ है, जिसको लेकर विधायक में नाराजगी है। दीपावली से पहले भी अनशन की चेतावनी दी थी।
विधानसभा में भी उठाया था मुद्द
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी अतुल प्रधान ने न्यूटिमा अस्पताल में इलाज के नाम पर हो रही लूट, अपने ऊपर हुए मुकदमे का मुद्दा उठाया था। कहा था कि 300 से ज्यादा निजी अस्पताल हैं जो अवैध तरीके से चल रहे हैं। अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों से लूट की जा रही है।अगर कोई आवाज उठाए तो उस पर मुकदमा लिखा दिया जाता है। विधायक के सवाल का सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी समर्थन किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने शिकायत लिखकर देने को कहा था। वहीं डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जवाब देते हुए कहा था कि वो वक्त याद है जब सपा के राज में अस्पतालों में सपा के नेता चौथ का चंदा वसूली करते थे। अब यूपी में योगीराज है ये सब नहीं चलेगा।
लुटेरों की गोद में बैठे भाजपा नेता
आमरण अनशन पर बैठे सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि ये आंदोलन मुकदमे की वापसी के लिए नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में जो लूट मची हुई है। उसे बंद कराने के लिए है। हमारा आंदोलन जनता के लिए है, इसमें सभी संगठन हमारे साथ हैं, जनता की जीत होगी हमें उम्मीद है। जरूरत पड़ी तो अनशन आगे भी बढ़ाएंगे। कहा कि भाजपा के नेता इन लुटेरों के साथ उनकी गोद में बैठ जाएं और इन लुटेरों के साथ नाचें। कहा कि न्यूटिमा अस्पताल 2014 से बना है, बिना नक्शा पास कराए अस्पताल चल रहा है, भले उन्हें 4 सप्ताह का स्टे मिल गया है, लेकिन अस्पताल तो 2014 से अवैध तरीके से चल रहा है।
धरना स्थल पर पुलिस ने माइक बंद कराया
वहीं धरना स्थल पर पहुंची सिविल लाइन थाना पुलिस पर अतुल प्रधान ने भाजपाइयों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। कहा कि यहां सुबह से खाना बना हुआ है, सुबह से हमारे लोग यहां अनशन पर बैठे हैं लेकिन खाना बंटने नहीं दिया जा रहा। पुलिस, प्रशासन भाजपा के इशारे पर काम करते हुए हमारे लोगों के साथ बदसुलूकी कर रहा है। हमारे लोगों को खाना नहीं खाने दिया जा रहा। वहीं स्थल पर लगा साउंड सिस्टम, माइक भी पुलिस ने बंद करा दिया। माइक बंद कराने पर पुलिस और विधायक समर्थकों में जमकर बहसबाजी हुई। बाद में इंस्पेक्टर ने कहा कि छोटा वाला माइक लगा लें, बड़ा माइक बंद करें। यहां न्यायालय भी है, उसके काम में बड़े साउंड सिस्टम से बाधा हो रही है। छोटा माइक लगा लें। बेरिकेटिंग लगाकर हमारे लोगों को यहां आने से रोका जा रहा है।