मेरठ । जनपद में 10 दिसम्बर से बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाई जाएगी। पल्स पोलियो का यह अभियान 10 से 16 दिसम्बर तक चलेगा। अभियान में 7.76 लाख बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने दी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. गौतम ने बताया- जनपद में 10 दिसम्बर को करीब 2301बूथ पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 से 16 दिसम्बर तक टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए लगभग 1475 टीम बनाई गईं हैं, जो लक्षित 7.76 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी।
टीम की मॉनिटरिंग के लिए 480 सुपरवाइजर लगाए गए हैं, जो टीम की निगरानी करेंगे। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी।उन्होंने बताया जो घर सर्वे में छूट जाएंगे। उनका सर्वे मई में किया जाएगा।
डा प्रवीण गौतम ने बताया -पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। उन्होंने बताया-पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।