मेरठ में एक जून 2023 को एसडीएम सदर संदीप भागिया ने 28 मई 2022 को एक पक्षीय आदेश करते हुए किसानों की भूमि को ग्राम सभा मे दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद जिला प्रशासन ने सेकड़ो किसानों की करोड़ों रुपयों की भूमि पर कार्यवाही करते हुए बुलडोजर चला दिया था। ओर अदालत की शरण मे चले गए थे। किसानों ने प्रयागराज स्थित राजस्व परिषद की बेच में भी मुकदमा दायर किया गया था।
अदालत ने एक वर्ष से भी ज़्यादा लम्बी चली सुनवाई के बाद किसानों के हक में फैसला सुनाया है। वही अदालत ने एसडीएम सदर संदीप भागिया के आदेशों को खंडित कर दिया है। जिसके बाद अब किसानों में खुशी का माहौल बना हुआ है। कुछ किसान ऐसे भी थे जिनको संक्रमण भूमिधर के अधिकार मिले हुए थे। लेकिन तत्काल एसडीएम संदीप भागिया द्वारा एक पक्षीय वाद को निस्तारित करते हुए 210 बीघा जमीन को ग्राम सभा मे दर्ज करने के आदेश दे दिये गये थे। जब कि भूमि 1950 से जगवती देवी पत्नी स्वं पंडित गंगा शरण कोतवाल आदि किसानों के नाम संक्रमणीय भूमि लगभग 210 बीघा जमीन पर एसडीएम संदीप भगिया द्वारा 23 मुकदमे लगाते हुए। एक पक्षीय आदेश जारी कर दिए थे।
याब तीन मुकदमो में प्रयागराज स्थित माननीय सदस्य राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश की अदालत द्वारा संदीप भागिया द्वारा 28 मई 2022 के आदेश को दूषित ओर नकारात्मक मानते हुए आदेश को खंडित कर दिया है। तीन वादों में फैसला आने के बाद मेरठ के वरिष्ठ अधिवक्ता का मन्ना है अब ये सभी वादों में फैसला मान्य हो जाएगा। जिसके बाद किसानों को काफी फायदा पहुचेगा। क्योकि प्रशासन द्वारा 1 जून 2023 को आदेशानुसार बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कोअमल में लाया गया था। इस फैसले के बाद अब किसानों में खुशी की लहर है।
किसानों का ये भी कहना है। की अगर जिला प्रशासन चाहे तो वह अपनी भूमि को सरकार को उचित दामो पर देने को भी तैयार है। अगर प्रशासन उनसे बात करती है तो वह भूमि को सरकार को सहमति पर बातचीत करने को तैयार है।