मेरठ की लीफ आर्टिस्ट ममता गोयल ने 2 इंच की पत्तियों पर भगवान राम के जीवन को उकेरा है। राम सीता के विवाह से लेकर राम दरबार ओर रावण युद्ध की पेंटिंग उन्होंने पत्तियों पर बेहद बारीकियों से बनाया है। 22 जनवरी को होने वाले प्रान प्रतिष्ठा के दिन ये आकृतियां ऑनलाइन दिखलाई जायेगी। जो देखने मे अदभुद है।
मेरठ के गंगानगर की रहने वाली ममता 10-12 साल से लिफ्ट आर्ट बना रही है। ममता की माने तो उन्होंने पहले तो उसको फ़ोटो ओर कागज़ पर आकृतियों को बनाया ओर उसके बाद कुछ नया करने की सोची। ओर अब ममता 2 साल से रामायण से जुड़े प्रसंग को पत्तियों पर उकेर रही है। ममता का कहना है कि जब से भगवान राम के जीवन का चित्रण किया है। उनके मनोभाव बदल गये है। 2 साल से रामायण की कहानी पर ममता लिफ्ट आर्ट बना रही है।
ममता कलाकृति बनाने के लिये फूल और पत्तियों को इस्तेमाल में लेती है। ये एक से डेढ़ इंच की होती है। उन्होंने बताया कि किसी भी आकृति को बनाने के लिये उनकी कटिंग की जाती है उसके बाद उसको बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस आर्ट का सबसे बड़ा नियम यही है कि पत्ती की आकृति जो स्वयं है वही रहनी होती है। इसको बदला नही जाता है। उन्होंने कहा कि पत्ति पर पूरी कलाकृति को बनाना चुनोतिपूर्ण है। इस मे खास बात ये है कि चित्र का भाव भी परिवर्तित नही होना चाहिये।
ममता अभी तक राम मंदिर,राम दरबार,राम सीता राम,जय श्री राम,रावण वध,शबरी कथा,हनुमान कथा, राम मंदिर के प्रसंग को पत्तियो पर उकेर चुकी है। उन्होंने बताया कि एक लीफ पेंटिंग बनाने में उनको 4 घण्टे से लेकर 8 घण्टे भी लग जाते है यहां तक कि एक पेंटिंग को पूरी तरीके से पत्तियो के कटिंग ओर उसपर आर्ट के बनाने का जो समय है कई बार समय का पता भी नही लगता है। उन्होंने बताया कि नॉर्मल चित्र बनाना मुश्किल नही है लेकिन लीफ आर्ट बनाना आसान बात नही है। इस आर्ट में बोहोत बारीकी के साथ काम करना होता है अगर कोई भी पत्ती पर कोई गलत कटिंग हो जाती है तो कई बार सारी महनत खराब हो जाती है और फिर इसको बनाने में बड़ी महनत लगती है।
ममता कहती है कि ओरिजनल चित्र या उसके विषय को एक पत्ती पर तैयार करना बड़ा मुश्किल काम है। ममता ने बताया कि उन्होंने अब तक तुलसी के पत्ते, गुलाब की पत्ती, बरगद की पत्ती,बेल पत्ती मनीप्लांट पर पेंटिंग की है। 22 जनवरी को होने वाले ऑनलाइन राम कथा प्रदर्शनी हो रही है। उन्होंने बताया कि उनकी बनाई आर्ट रामायण सीरीज़ को प्रदर्शनी में दिखाया जायेगा। बाद में ये चित्र राम मंदिर ट्रस्ट को जाएंगे। इन चित्रों को वहां पर डिस्प्ले किया जायेगा।