मेरठ में एटिकरेप्श की टीम समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर को 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। एंटी करप्शन अधिकारियों के अनुसार आरोपी सुपरवाइजर एससी एसटी मामले में क़िस्त को रिलीज करने के नाम पर पीड़ित से रिश्वत मांग रहा था। एंटी करप्शन की टीम ने आरोपी का मेडिकल करा कर थाना सिविल लाइन पुलिस को सौप दिया है। पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
एंटी करप्शन यूनिट से बहसूमा की रहने वाले संदीप कुमार ने 16 जनवरी को समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम के इंस्पेक्टर बसन्त कुमार ने एक टीम का गठन किया ।
ओर रिश्वतखोर के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी। ब्रहपतिवार को टीम संदीप कुमार के साथ इंस्पेक्टर बसन्त राय हॉस्पिटल के सामने चाय की दुकान पर पहुचे। तभी समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर का फोन संदीप राय के पास आया। इस दौरान संदीप राय ने सुपरवाइजर को जसवंत राय हॉस्पिटल के सामने चाय की दुकान पर बुला लिया। वही मनोज कुमार नर संदीप से 75 हजार रुपये की रिश्वत ली। वही बैठी एंटी करप्शन की टीम ने मौके पर ही मनोज को रिश्वत के रुपयों के साथ रंगे हाथों पकर्ड लिया। वही एंटी करप्शन की टीम ने मनोज को सिविल लाइन थाने में पहुचे ओर रिश्वतखोरी के इल्जाम में मनोज सुपरवाइजर को पुलिस के हवाले किया और मुकदमा दर्ज कराया।
बता दे कि मनोज लम्बे समय से समाज कल्याण विभाग में सुपरवाइजर के पद पर तैनात है। मनोज कुमार पर पहले भी सपा और बसपा सरकार में रिश्वतखोरी का इल्जाम लगा था। लेकिन आरोपी मनोज की विभाग में अच्छी पकड़ होने के चलते किसी भी तरह की रोकथाम या कार्यवाही नही हुई।
एंटी करप्शन इंस्पेक्टर बसंत कुमार ने बताया की समाज कल्याण विभाग के सुपरवाइजर पद पर तैनात मनोज ने संदीप से एससी एसटी एक्ट की क़िस्त को रिलीज करने के नाम पर 75 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। उन्होंने बताया कि पूर्व में एक वर्ष पहले बंगाली मार्किट में कुछ लोगो से विवाद हो गया था। जिसके चलते संदीप कुमार ने एससी एसटी एक्ट में मुकदमा कायम करा दिया था। इंस्पेक्टर ने बताया कि संदीप को सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद मिल चुकी है। केवल एक लाख रुपये बाकी है जिनको रिलीज करने के लिये सुपरवाइजर ने रुपये मांगे थे। जिसको मौके पर रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। और जेल भेजा जा रहा है।