मेरठ। जनवाणी लेखक संघ किसानों के समर्थन में खड़ा हो गया है। डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया हैं, और कहा कि देश के अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए। वही बंद का असर मेरठ में दिखाई नहीं दिया।
जनवादी लेखक संघ के सचिव मनीष त्यागी के नेतृत्व में लेखक कलेक्ट्रेट पहुँचे। उनका कहना है कि देश के अन्नदाता शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने की बात कर रहे हैं। लेकिन हरियाणा सरकार उन पर गोलियां चल रही है, जो गलत हैं। जनवादी लेखक संघ की ओर से ग्रामीण भारत बंद का समर्थन किया गया। उन्होंने डीएम को पत्र देते हुए किसानों की मांग रखी है।
किसानों को फसल का मिनिमम सपोर्ट प्राइस दिया जाए।किसानों का कर्ज संपूर्ण रूप से मांफ किया जाए।वर्ष 2020-21 के आंदोलन में बलिदान हुए किसानों को मुआवजा दिया जाए।किसानों के खिलाफ लंबित मुकदमे वापस लिए जाए।सिंधु बॉर्डर पर शाहिद किसानों का शहीद स्मारक बन जाए।लखीमपुर के किसानों के हत्यारों को तुरंत सजा दी जाए।किसान की फसल का समुचित बीमा किया जाए और बीमा की राशि किसानों को दी जाए।बिजली की बढ़ी दरें वापस ली जाए और स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाई जाए।खेतों, दुकानों और घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट बिजली प्रति महीना फ्री की जाए।सभी मुक़दमों का 90 दिनों में निस्तारण किया जाए।जनवादी लेखक संघ के संरक्षक रामगोपाल भारतीय का कहना है कि शिक्षा को आधुनिक और मुफ्त किया जाए, दूरी शिक्षा प्रणाली पर रोक लगाई जाए। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का मुफ्त इलाज कराया जाए। सभी मुक़दमों का 90 दिनों में निस्तारण किया जाए।