मेरठ। लोकसभा चुनाव से पहले बामसेफ ने ईवीएम ( इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ) का बॉयकॉट किया है। उनका कहना है कि देश में निष्पक्ष चुनाव के लिए बैलट पेपर का उपयोग होना चाहिए। देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए जाति आधारित जनगणना होना आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी हैं।
बामसेफ की पश्चिमी उत्तर प्रदेश यूनिट से सैकड़ों कार्यकर्ता डीएम दीपक मीणा के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज को भारतीय संविधान द्वारा अनुच्छेद 16(4) के अनुसार पिछले वर्ग के नागरिक के रूप में परिभाषित किया गया है। इसीलिए मूल निवासी संघ वर्तमान सरकार के द्वारा देश में बनाए गए कृषि कानून 2020 के रद्द करने की मांग करता है। देश की लोकतंत्र को बचाने के लिए जाति आधारित जनगणना होना आवश्यक है, और आगामी लोकसभा चुनाव को ईवीएम से नहीं बल्कि बैलेट पेपर से कराना चाहिए।
भाजपा सरकार द्वारा पारित श्रम कानून 2020 के विरोध में जनता में बहुत ही रोष और असंतोष है। कानून के अनुसार देश की श्रमिक अर्थात आम जनता के हित में नहीं बल्कि कॉरपोरेट घराने और विशिष्ट जनों के लिए बनाया गया है। श्रम कानून को सरकार तत्काल वापस करें।
वहीं नया श्रम कानून 2020 वर्ष 1942 से पूर्व भारत में मजदूरों की समस्या बहुत थी। जैसे बाल मजदूरी, बंधुआ 12 से 18 घंटे काम कराते थे। जिसे बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने वर्ष 1942 में श्रम मंत्री रहते हुए भारत में श्रमिकों अर्थात कामगारों के लिए कानून बनाकर खत्म किया था।