भारतीय किसान यूनियन चढूनी की प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट आरुषि सिंधु तेवतिया ने किसानों आंदोलन को लेकर कहा है कि किसान आज जिस हाल में है उसका जिम्मेदार केंद्रीय सरकार है। किसानों की अगर मांग मान ली जाये तो किसान सरकार का सम्मान करेगी।
अध्यक्ष आरुषि सिंधु तेवतिया ने कहा कि जिस तरह बॉर्डर पर बैठे किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं क्या उन पर गोलियां चलाना या आशु गैस के गोली छोड़ना सही है क्या किसान भारत का बेटा नहीं धरतीपुत्र नहीं किसान जब फसल को उगता है तो देश उसे फसल से अपना पेट भरता है लेकिन उसके बावजूद इस किसान की फसल की कीमत के दाम क्यों कम मिलते हैं क्या किसान जिसको अन्नदाता कहा गया हो उसका सरकार सम्मान करना नहीं जानती क्या किस किसी का बेटा किसी का भाई नहीं किसान तो वह है जो अपने देश के लिए बलिदान देने तक के लिए तैयार रहता है लेकिन आज इस किसान के ऊपर सरकार उनकी मांगे ना मांगते हुए उनके साथ अन्याय कर रही है।
किसानों की मांग को लेकर जो लोग सिंधु बॉर्डर पर खड़े हुए है उनकी मांग बस इतनी है कि उनकी बात सुनी जाये और उनको सम्मान के साथ वापस जाने दिया जाये। लेकिन सरकार ने तो दिल्ली में जाने के लिये ही बॉर्डर पर कांटो भरे तारो की सीमा खिंच दी है ताकि इस देश का किसान दिल्ली तक ना जा सके।
भारती किसान यूनियन चढूनी का हर किसान यही बात रखता है कि सरकार किसानों की बात सुने उनको समझे उनसे बात करे आज किसानों की मांगें वही है लेकिन सरकार को आज भी किसान पर कोई ध्यान नही है। किसान सरकार से अपने हक की मांग को पूरा करने के लिये बॉर्डर पर खड़ा हुआ है।
ये वो किसान है जिन्होंने सब की खातिर सिंधु बॉर्डर पर गोलियां खायी है सर्दी में पानी की बौछारें मारी जाती है। और तो ओर उनके साथ मारपीट की जा रही है। सरकार किसान के आन्दोल को आत्मघाती आंदोलन बनाना चाहती है। मीडिया को दूर रखा जा रहा है ताकि सच ना दिखाया जा सके।
जिस किसान का बेटा अपनी जान की बाजी लगा कर सीमाओं पर भेज दिया जाता है जिस किसान का बेटा बड़ी बड़ी कम्पनियों को चलता है आज उसी किसान की आवाज़ दबाने का काम किया जा रहा है ।
चढूनी जी किसानों के साथ क्यो नही दिखाई दे रहे है
आरुषि सिंधु का कहना है कि गुरनाम सिंह चढूनी किसानों के नेता है किसान उनको अपना आदर्श मानता है किसान गुरनाम सिंह को इस लिये पसंद करता है क्योंकि वो किसानों की आवाज़ को उठाने का काम करते है क्योंकि वो राजनीति नही करते इसलिए चढूनी जी वहां जाते है जहां किसान कोई परेशानी हो तो सबसे आगे हो। गुरनाम सिंह चढूनी किसान को समझते है उनके लिये आन्दोल करते है। चढूनी जी कहते है कि किसान बॉर्डर के लिये नही खेत खलिहान को फल फूल को खिलखिलाने के लिये बना है ना कि किसी भी तरह एक दूसरे का सामना करने के लिये बना है।
एम एसपी को क्यो नही समझा जा रहा है
आम आदमी को किसानों की समस्या बताई जाये तो आम आदमी अभी एमएससी के बारे में भी ठीक से नही जानता है। जो जानते है वो किसानों की समस्या को समझते है। कि किसानों से उनके अनाज को सरकारी एजेंसियां खरीद कर उनको अपने दामो पर क्यो बेचे यही एमएसपी है वही किसान को गन्ना भुकतान को लेकर भी बहुत से लोग गुमराह किये जा रहे है। किसानों की बोहोत सी समस्या ऐसी है जिनको सरकार नही समझ पा रही है या कहिये की सरकार नही चाहती कि किसान का घर खुशहाल हो या किसान को दो वक्त की रोटी ठीक से मिल सके किसान के बच्चे भी अच्छे स्कूलों में जा सके।
किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी किसानों के साथ है और किसानों का किसी संगठन से कोई मतभेद नही है किसान सब एक है और सब चाहते है कि किसानों की मांगों को पूरा किया जाये।
जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के नेता है और उनकी पार्टी राजनेतिक पार्टी है वो कही भी किसी भी पार्टी में जा सकते है लेकिन अगर आप किसानों के हित की बात करे तो आज भारतीय किसान यूनियन चढूनी का हर किसान केवल किसानों के बारे में सोच रहा है। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा गया है ये सम्मान की बात है लेकिन जो सम्मान 15 साल पहले सरकार को देना चाहिए था उस सरकार ने इतनी देरी क्यो की है सब जानते है। सरकार भारत रत्न को भी चुनावी रंग में शामिल कर के उस का सम्मान किस तरह कर रही है हम सब जान रहे है।
11 वर्षीय बेटे की हत्या का हुआ खुलासा,माँ के अवैध संबंधों का पता चल गया था बेटे को
मेरठ में मां की ममता को शर्मसार करने का नया मामला सामने आया है जहाँ मां ने अपने अवैध सम्बंधो को कायम रखने के लिये अपने ही 11 वर्षीय बेटे साहिल की हत्या कर दी। साहिल को अपनी माँ के अवैध सम्बन्धों का पता चल गया था। जिसके चलते महिला