नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना केंद्र सरकार12 मार्च से पहले कभी भी जारी कर सकती है इसको लेकर पश्चिमी यूपी में पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकस हो चुकी है।
लखनऊ से हर जिले की पूरी प्लानिंग मांग ली गई है। साफ कह दिया गया है की आगर कोई माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है तो सख्त कार्यवाही करें। बवालियों के घरों पर सख्त कार्यवाही करें। बवालियों के घरों पर बुलडोजर चलेगा पुलिस के तमाम अधिकारी इसकी प्लांनिग बनाने में जुटे है।
मेरठ जॉन को सीएए के हिसाब से बेहद संवेदनशील जॉन में रखा गया है। सभी खुफिया एजंसियों को लगा दिया गया है। पुलिस पीएसी आरएएफ के अलावा एसटीएफ ओर एटीएस को भी निगरानी करने के लिये कहा गया है।
सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कई टीमें लगाई गई है। मेरठ मुजफ्फरनगर सहारनपुर ओर बुलंदशह में पिछली बार हुई हिंसा को देखते हुए इन जिलों पर खास फोकस रहेगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ से अलर्ट रहने को कहा गया है। सभी एडीजी आईजी एसएसपी से सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान मांगा गया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जिस तरह से तैयारियां शुरू की है। उसको देखकर साफ है कि सीएए को अधिसूचना के बाद अगर किसी ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया तो बवालियों से सख्ती से निबटा जायेगा।
सीएए के तहत 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत मे बसे बंगलादेशी,पाकिस्तानी, ओर अफगानिस्तान से आए हिन्दू,सिख,जैन,बौद्ध, पारसी,ओर ईसाई सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर मुस्लिम प्रवासी को भारतीय नागरिकता देना है। सरकार के मुताबिक इस कानून में किसी भी भारतीय चाहें वह किसी मजहब का हो कि नागरिकता छीनने का प्रावधान नही है। भारत के मुस्लिमो या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगो की नागरिकता को इस कानून से खतरा है
11 दिसंबर 2019 को किया था पारित
सीएए को संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था। जिससे 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी भी दे दी गई थी। विरोध के चलते अधिसूचना जारी नही की गई थी।