मुजफ्फरनगर:- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बने रालोद ने अपने हिस्से में आई बिजनोर ओर बागपत लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए है। साफ हो गया है कि रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह चुनाव नही लड़ेंगे।
पिछले 87 साल में ऐसा पहली बार होगा कि चोधरी परिवार का सदस्य चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर शामिल नही होगा। अब तक हुए विधानसभा लोकसभा या राज्यसभा चुनाव में परिवार का कोई न कोई सदस्य चुनाव की बात करे। तो 53 साल बाद पहली बार परिवार चुनाव नही लड़ेंगे।
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने पहली बार संयुक्त प्रान्त से 1937 में चुनाव लड़ा ओर जीत दर्ज की थी। वर्ष 1946 से 1950 की दूसरी कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव बनाए गए थे। उन्हें जमीदारी उन्मूल ओर भूमि सुधार बिल का प्रमुख वास्तुकार एवं प्रतिरक्षक नियुक्ति किया गया। 1952 में बिल कानून में बदल गया और चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा बन गए। साल 1977 में मसीहा बन गए। साल 1977 में बागपत से सांसद बनने से पहले चौधरी चरण सिंह प्रत्येक विधानसभा चुनाव लड़े। इसके बाद वह लगातार तीन लोकसभा चुनाव लड़े,उनकी बेटी सरोज देवी 1985 में छपरौली से विधायक रही।
चौधरी अजित सिंह ने 1991 में विधानसभा ओर लगातार लोकसभा चुनाव लड़े। रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने भी 2019 का चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए थे। इसके बाद वह राज्यसभा सांसद बन गए।