एजेंसी लॉस एंजिलिस। अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में धरना दे रहे फलस्तीनी समर्थकों को वहां से हटाने के लिए गुरुवार को पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। पुलिस की इस कार्रवाई में पुलिस ने बल का प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान दर्जनों आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। पुलिस की बड़ी कार्यवाही में 15 लोग घायल भी हुए हैं।
इस बुधवार को इन आंदोलनकारियों पर इजरायल समर्थकों ने हमला किया था, इस को लेकर तब दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी। बुधवार को ही न्यूयार्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पुलिस ने कार्रवाई कर परिसर के एक भवन को आंदोलनकारियों के कब्जे से मुक्त कराया था।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने लोगो से कहा है कि लोकतंत्र में असहमति का भाव प्रकट करना उचित है, लेकिन अराजकता पैदा करना ये गलत है। अराजकता को खत्म करने के लिए कार्रवाई जरूरी होती है। जिसकी वजह से परेशानी भी भुगतनी पड़ती है।
गुरुवार को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पहुंचकर पुलिस ने कई घंटे तक लाउडस्पीकरों से आंदोलनकारियों को धरना खत्म करने और परिसर छोड़ने की अपील की। जब उसका सकारात्मक जवाब नहीं मिला तब हेलमेट लगाकर और बचाव के उपकरणों के साथ सैकड़ों पुलिसकर्मी आंदोलनकारियों की लगाई बेरिकेडिंग और अन्य अवरोधकों को हटाते हुए आगे बढ़े। इस दौरान उनका छात्रों से टकराव भी हुआ। इस दौरान उनके साथ मारपीट, धक्कामुक्की और बेंत चलाने के साथ ही पुलिसकर्मियों ने परिसर में आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
वही पुलिस ने कार्रवाई में परिसर में लगे आंदोलनकारियों के टेंट गिरा दिए और उनका सामान जब्त कर लिया। आंदोलनकारी भी पुलिस की संभावित कार्रवाई से निपटने के लिए तैयार थे। उन्होंने हेलमेट, टाइट चश्मे और फेस मास्क लगा रखे थे। बताया गया है कि परिसर के भीतर पांच सौ से ज्यादा आंदोलनकारी थे तो बाहर करीब दो हजार फलस्तीन समर्थक मौजूद थे। इन लोगों की मांग गाजा में फलस्तीनियों पर हो रहे इजरायल के हमले रोकने और अमेरिका के इजरायल से रिश्ते तोड़े जाने की है।
कार्रवाई के दौरान पुलिस के हेलीकाप्टर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के ऊपर गश्त करते हुए हालात की निगरानी करते रहे। धरनास्थल से न हटने की जिद पर अड़े दर्जनों आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें से छह आंदोलनकारी टीवी फुटेज में जमीन पर घुटनों के बल बैठे दिखाई दिए, उनके हाथ पीछे से बंधे हुए थे। राजनीतिक दलों, मुस्लिम छात्रों और मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।
अमेरिका के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन में दो हफ्ते से जारी आंदोलन के बीच फ्रांस के विश्वविद्यालयों और ऑस्ट्रेलिया की शिक्षण संस्थाओं में भी धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। फिलहाल हालात ऐसे नहीं हैं कि उनसे अन्य छात्रों को कठिनाई हो रही हो या पढ़ाई बाधित हो रही हो।