कीव: एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक: यूक्रेन ने दावा किया है कि उसके काउंटर इंटेलिजेंस जांचकर्ताओं ने राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेंस्की की हत्या के लिए रची गई जिसके चलते रूसी साजिश को नाकाम कर दिया है। उसने साजिश में शामिल दो एजेंटो को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है।
यूक्रेन की स्टेट सिक्योरिटी सर्विस ने मंगलवार को कहा कि इस साजिश में यूक्रेन की सेना के शीर्ष अधिकारी और राजनीतिक व्यक्ति भी साजिशकर्ताओं के निशाने पर थे। उन्होंने ये भी कहा है कि स्टेट सिक्योरिटी सर्विस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन के स्टेट गार्ड में कार्यरत दो कर्नल को गिरफ्तार किए गया है।
इस बात पर संदेह है कि दोनों कर्नल रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस के प्लान पर काम कर रहे थे। दोनों कर्नल पर शीर्ष अधिकारियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। इनको फरवरी 2022 में हुए रूस के हमले से पहले भर्ती किया गया था। स्टेट सिक्योरिटी सर्विस के प्रमुख वासिल मलिक के हवाले से कहा गया है कि रूसी एजेंट साजिश को अंजाम देकर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतीन को पांचवे कार्यकाल की शुरुआत से पहले तोहफा देना चाहते थे।
बयान में साजिश के पीछे कथित रूप से तीन रूसी जासूसों का नाम देते हुए कहा गया है कि जेलेंस्की की हत्या के लिए आपरेशन मास्को से चलाया जा रहा था। यूक्रेन के दोनों कर्नल को राजद्रोह के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। राजद्रोह का अपराध साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। जेलेंस्की की हत्या को लेकर रूस के प्रयास के बारे में यूक्रेन का दावा नया नहीं है। जेलेंस्की कह चुके हैं कि 2022 में उनकी हत्या के कम से कम 10 प्रयास किए जा चुके हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है।
रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर युद्ध में प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगाए हैं। आर्गनाइजेशन फार द प्रोहिबिशन आफ केमिकल वेपन (ओपीसीडब्ल्यू) ने कहा है कि दोनों देशों ने अपने आरोपों के समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं दिए हैं।
संगठन का कहना है कि हथियार के तौर पर जहरीले रसायनों के संभावित इस्तेमाल को लेकर हालात अस्थिर और बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। पिछले सप्ताह अमेरिका ने कहा था कि रूस ने यूक्रेन के सैनिकों के खिलाफ चोकिंग एजेंट क्लोरोपिक्रिन का उपयोग करके रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन किया है। अमेरिका का यह भी आरोप है कि रूस ने युद्ध के एक तरीके के तौर पर दंगा नियंत्रण एजेंटों का इस्तेमाल किया है। हालांकि रूस ने आरोपों को खारिज किया है।
तीन दिवसीय कार्यशाला ” Advance Techniques on molecular biology” का शुभारंभ
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित माइक्रोबायोलॉजी डिपार्मेंट, बायोटेक्नोलॉजी डिपार्मेंट एवं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यशाला जिसका शीर्षक एडवांस्ड टेक्निक्स इन मॉलेक्युलर बायोलॉजी का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। आज प्रथम सत्र विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने विभाग