सीतापुर। रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात दिल दहला देने वाली घटना हुई। एक युवक ने संदिग्ध हालात में मां, पत्नी और एक बच्ची की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दो बच्चों को छत से फेंककर मार डाला। फिर खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली। मृतक अनुराग के भाई अजीत की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। पोस्टमार्टम के बाद देर रात गांव में सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह (45) का शुक्रवार रात अपने परिजनों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद देर रात दो बजे के बीच उसने अपनी मां सावित्री (62), पत्नी प्रियंका सिंह (40) की गोली मारकर हत्या कर दी। बड़ी बेटी अस्वी (12) को गोली मारने के बाद छत से फेंक दिया। इसके बाद अर्ना (8) और पुत्र आद्विक (4) को भी छत से नीचे फेक दिया। सभी को मारने के बाद खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली।आद्विक को पड़ोसी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि युवक नशे का आदी था। परिवार वाले उसे नशा मुक्ति केंद्र ले जाना चाहते थे, इसको लेकर रात में विवाद हुआ इसके बाद यह घटना अंजाम दी गई।
अनुराग मानसिक रूप से बीमार भी हते थे, बताया जा रहा है। मौके पर फॉरेंसिक हुआ। टीम ने भी नमूने जुटाए हैं। मृतक के गई। भाई से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि अनुराग के भाई की तहरीर के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
सीतापुर। रामपुर मथुरा क्षेत्र में हुई इस घटना को जिसने भी सुना वह दंग रह गया। सूरज की किरणें उगते ही पूरे गांव में मातम पसर गया। पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। रात का मंजर कितना दिल दहलाने वाला होगा। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अवैध असलहे के साथ ही पुलिस को मौके से एक खून से सना हथौड़ा भी मिला है। कमरों में फैला खून देख हर किसी का सिर चकरा जाए। पुलिस का मानना है कि पत्नी प्रियंका सिंह (40) और मां सावित्री (62) को गोली मारने के बाद क्रूरता से दोनों को मौत के घाट उतारा गया। उनके शरीर पर मिले चोटों के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि उसकी हत्या करने वाले ने यह पूरी तरह से सुनिश्चित कर लिया कि दोनों की मौत हो जाए। सुबह करीब पांच बजे स्थानीय
पुलिस को मामले की जानकारी हुई।
एसपी की मानें तो मौके पर व फॉरेंसिक टीम ने एक अवैध असलहा बरामद किया है। वहीं खून से सना एक हथौड़ा भी बरामद हुआ है। शवों पर दो गोलियों के निशान तो स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा शरीर पर कई चोंटों कि के निशान भी हैं।
तीन मासूम बच्चों को छत से फेंके जाने की बात पर पुलिस को घर के बाहर से खून पड़ा मिला। वहीं, एक पड़ोसी अमरेंद्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि वह बच्चों को घायल अवस्था में लेकर अस्पताल गया था।
सदरपुर । रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर गांव में हुए हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मृतक अनुराग के भाई से कई बिंदुओं पर पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो उसने कई सवालों के अलग-अलग जयाब दिए हैं। घटना के अन्य पहलुओं का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने अनुराग और अजीत के मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। अब दोनों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) खंगाली जा रही है। मृतक अनुराग सिंह के भाई अजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि रात ढाई से तीन बजे के बीच उसे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जब वह अपने कमरे से बाहर आया तो अनुराग उसे भी मारने दौड़ा। अजीत ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। अजीत के मुताबिक उसकी मां सावित्री अपने कमरे में सो रही थीं। अब सवाल उठता है कि घर में इतना हंगामा होने के बाद भी अनुराग की मां नींद से क्यों नहीं जागीं।
तो बच्चों पर भी किया गया था हथौड़े से वार : सूत्रों की मानें तो छत से फेंकने से पहले एक बच्ची को हथौड़े से मारा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके सिर पर लगी चोटें इस ओर इशारा कर रही हैं। हथौड़े से पहले वार करने के बाद छत से बच्ची को फेंका गया, ताकि जिंदा रहने की गुंजाइश न रहे।
अनुराग सिंह का परिवार बेहद संपन्न है। उसका पूरा परिवार लखनऊ बार में रहता था। अनुराग पेशे से किसान था। शुक्रवार को ही उसकी पत्नी बच्चों को लेकर गांव आई थी। पत्नी प्रियंका लखनऊ स्थित एक बैंक में कार्यरत थी। इसके अलावा 260 बीघा खेती थी। अनुराग ने बीएससी एग्रीकल्चर तक की पढ़ाई की थी। इसलिए उसको खेती में रुचि थी। वह खेती संभालता था। दो मंजिल बने घर में एसी आदि की भी सुविधा थी। पुलिस को मौके से बियर की कैन भी मिली हैं।