मेरठ। खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और डरा-धमकाकर 11 लाख रुपये अपने खातों में जबरन ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित के खाते में दो दिन पहले ही प्रोविडेंट फंड की रकम आई थी। साइबर क्राइम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दौराला की सरस्वती कॉलोनी निवासी किरणपाल पुत्र हुकुम सिंह ने बताया कि 23 मई को उनके बैंक खाते में प्रोविडेंट फंड की रकम आई थी। 25 मई को किसी सुनील कुमार गौतम नाम के व्यक्ति ने उनके पास कॉल की।
खुद को आईपीएस और सीबीआई का अफसर बताते हुए परिचय दिया। इसके बाद उसने उनके खाते से आतंकियों को फंडिंग करने समेत कई तरह के आरोप लगाकर डराया धमकाया। आरोपियों ने पीड़ित के व्हाट्सएप पर भारत सरकार का लोगो लगे तीन पत्र भेजे।
परिवार को आजीवन जेल में बंद रखने की धमकी दी। इसके बाद उन्हें शाम को अकेले कमरे में बंद होने को मजबूर कर दिया। इस दौरान उनसे लगातार फोन चालू रखने को कहा गया। किसी और से बात करने को मना कर दिया।
अगले दिन सुबह उसने फिर किसी अन्य आरोपी को सीबीआई अधिकारी बताते हुए बात कराई। उस व्यक्ति ने भी उन्हें खूब डराया धमकाया। इसके बाद उनसे एक बैंक खाते में 10 लाख रुपये और एक बैंक खाते में एक लाख रुपये जबरन ट्रांसफर करा लिए। करीब 24 घंटे बाद वह साइबर अपराधियों की डिजिटल अरेस्टिंग से छूटे।