मेरठ के मवानां थाना में फेरों से पहले ही दूल्हे की मांग को लेकर शादी टूट गई। दूल्हा और उसके घर वालो ने हल्के लिफाफे देखकर भड़क गए, ओर कम पैसे देने पर एतराज जताने लगे। नाराज दूल्हे ने भी रिबिन कटिंग रस्म में सालियों को 100 रुपए दिए देकर पल्ला झाड़ लिया, तो दुल्हन भी नाराज हो गई। इसके बाद हर रस्म पर एक नया विवाद होने लगा। बात इतनी बिगड़ गई कि दुल्हन ने शादी से इनकार कर दिया। ओर बारात वापस ले जाने की बात पर अड़ गई। दुल्हन ने कहा कि दहेज लोभियों से शादी नहीं करूंगी। यह सुनते ही दूल्हा अपनी हरकतों पर हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। दोनों पक्ष थाने गए, थानेदार ने काफी देर तक समझाया। लेकिन बात नहीं बनी।
बता दे कि दुल्हा मलियाना का रहने वाला है। 2-3 महीने पहले उसकी शादी मवाना के गुढ़ा गांव की लड़की से तय हुई थी। सोमवार को वह बारात लेकर मवाना के एनएस फार्म हाउस पहुंचा। दुल्हन के घरवालों ने बारातियों की ख़ातिरदारी की। नाचते-गाते बाराती दूल्हे के साथ मंडप पहुंचे। मिलाई की रस्म शुरू हुई। दुल्हन के घरवालों ने सभी को लिफाफा दिया, लेकिन लिफाफे में कम पैसे देखकर दूल्हा और उसके घरवाले भड़क गए। कहा-मिलाई की रकम कम है। लिफाफे बहुत हल्के हैं। फिर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। रिश्तेदारों ने किसी तरह दोनों पक्षों को शांत कराकर मिलनी की रस्म पूरी कराई। मिलनी के बाद रिबन कटिंग की रस्म में दूल्हे ने सालियों को सिर्फ 100 रुपए दिए। यह दुल्हन को रास नहीं आया। कहासुनी के बाद दूल्हे ने 500 रुपए दिए। रंग दिखाई की रस्म में दूल्हे के घरवालों ने दुल्हन को कपड़े और गहने दिए। सामान देखते ही दुल्हन भड़क गई और शादी से इनकार कर दिया।
दुल्हन को गुस्से में देख दूल्हे के घरवाले कहने लगे कि और कैसा सामान होता है सब सामान दुल्हन का अच्छा तो है। जवाब में दुल्हन ने कहा- मेरे पिताजी ने दहेज में बाइक, पैसे सब दिए। मनपसंद कपड़े और मिलाई की रकम भी दी है । तब भी आप लोग खुश नहीं हैं। छोटी-छोटी बातों पर कमेंट कर रहे हैं। अब मुझे ऐसे घर में शादी नहीं करनी जिस घर मे बहु की जगह सामान की इज़्ज़त हो आप लोग बारात वापस ले जाओ।
लड़की के पिता ने कहा कि मैंने बेटी की शादी के लिए हैसियत से ज्यादा खर्चा किया, लेकिन लड़के वालों की डिमांड बढ़ती जा रही है। अब हम ये शादी तोड़ रहे। दोनों पक्षों में विवाद बढ़ने लगा। दूल्हा और उसके घरवालों को दुल्हन के परिजनों ने बंधक बना लिया। सूचना पर हलका इंचार्ज अंकुर मय फोर्स पहुंचे। बारातियों को घर भेजा। दूल्हा-दुल्हन और उनके घरवालों को थाने लेकर गए। वहां दोनों पक्षों को समझाने की।
दूल्हा थाने में हाथ जोड़कर शादी की मिन्नतें करने लगा। दूल्हे की मां की तबीयत भी बिगड़ गई। लेकिन दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही और शादी टूट गई। दुल्हन ने पुलिसकर्मियों से कहा-पिताजी ने किस तरह इस शादी का बंदोबस्त किया है, हम जानते हैं। पिता मजदूर हैं। इसके बावजूद उन्होंने लड़के वालों की हर बात मानी। कर्ज लेकर पैसे जमा किए। इसके बाद भी दहेज लोभी लड़के वाले खुश नहीं थे। जरा-जरा सी बात पर रुपयों की मांग कर रहे थे। ऐसे घर में मुझे रिश्ता नहीं करना। दुल्हन के पिता बेहद सामान्य परिवार से हैं। उनके 7 बच्चे हैं। दुल्हन से बड़ी उसकी 3 बहनें हैं। वह चौथे नंबर की है। 3 भाई भी हैं।
मामले में थाना प्रभारी सुभाष सिंह ने बताया कि शादी टूट गई है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे का सामान वापस कर दिए हैं। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति ने मामले का निपटारा किया। दोनों पक्षों की तरफ से हुए समझौते में तय हुआ कि 25 जुलाई तक दोनों पक्ष एक-दूसरे को सारा सामान, रुपए सब वापस कर देंगे। दूल्हा पक्ष लड़की के घरवालों की तरफ से दिया गया सामान, शादी में खर्च हुआ एक लाख 90 हजार रुपए वापस देगा।