मेरठ में आरईएस, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के जेई धीरज कुमार को आज दोपहर के समय रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। जेई ने 40 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। एंटी करप्शन की टीम आरोपी को सिविल लाइन थाने लाई है। जहां मुकदमा लिखा गया है। टीम ने जूनियर इंजीनियर को कचहरी के सामने अंबेडकर मूर्ति के सामने रिश्वत लेते पकड़ा है।
रिश्वतखोरी का मामला दिन प्रतिदिन लोगो में बढ़ता दिखाई दे रहा है। पैसे का लालचपन ओर सरकारी नोकरी की मिली सैलरी मिलने के बाद भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज़ नही आ रहे है। यही वजह है कि करप्शन घटने की बजाये बढ़ता नज़र आने लगा है और लोग परेशान होकर अब एंटीकरप्शन जैसी संस्थाओं का सहारा लेने लगे है।मेरठ से शिकायतकर्ता पुनीत जिंदल है। पुनीत जिंदल आरईएस पीआईओ मेरठ में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ठेकेदारी करते हैं। पुनीत ने एंटी करप्शन की टीम से जेई के खिलाफ शिकायत की थी। पुनीत ने बताया कि मैंने सड़क बनाई थी। इस समय सड़क की देखरेख का समय चल रहा था। इस प्रोजेक्ट में मेरा अंतिम छमाही का लगभग 5 लाख 44 हजार रुपए बकाया था। इस पेमेंट को रिलीज कराने के नाम पर मुझसे 40 हजार रुपए मांगे गए। मुझसे अवर अभियंता धीरज कुमार ने 40 हजार रुपयों की मांग की थी।
पुनीत ने बताया कि अवर अभियंता धीरज ने पहले फोन पर पैसे मांगे, बाद में व्हाट्सएप भी किया। इसके बाद मैंने 13 जुलाई को एंटी करप्शन की टीम को शिकायत कर दी। आज मंगलवार को कचहरी गेट के सामने बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति के पास पैसे देने के लिए बुलाया था। वहां एंटी करप्शन की टीम ने उनको पकड़ लिया। मैंने कहा कि जो मेरा बकाया पेमेंट है उसके एवज में ये रकम बहुत ज्यादा है। नहीं दे पाऊंगा लेकिन वो नहीं माने और मैसेज करके पैसा मांगा। पुनीत ने कहा कि काफी समय से ये मामला चल रहा था। कहा जेई बहुत ही भ्रष्ट है।
पुनीत ने आगे कहा कि विभाग में जो अधिशासी अभियंता वाई एन चौधरी है वो काफी भ्रष्ट है। वो पहले गौतमबुद्ध नगर में भी भ्रष्टाचार मामले में फंस चुके हैं। उस पर विजिलेंस जांच भी चल रही है। कुछ दिन पहले ही वो गौतबुद्धनगर से मेरठ ट्रांसफर होकर आए हैं। कहा कि गौतमबुद्धनगर में भ्रष्टाचार में हटने के बाद अब वाई एन चौधरी ने मेरठ में दोबारा भ्रष्टाचार शुरू कर दिया। पुलिस ने सिविल लाइन थाने में अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।