अल्पसंख्यक विभाग यानी वो विभाग जिसका पूर्व से ही विवादों से चोली दामन का साथ रहा है । पूर्व में अल्पसंख्यक विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया था जिसे हड़कंप मच गया था और उस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है । तो वहीं अब विभाग से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है जो मौजूदा माहौल में हड़कंप मचाए हुए हैं । इस ताजा तरीन घटना में अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा अल्पसंख्यक पात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में भारी अनियमितता बरती गई और पात्रों को तय रकम की छात्रवृत्ति के साथ-साथ दूसरी रकम भी छात्रों को दे दी गई । इस घटना के उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया और आनन फानन में विभाग के द्वारा दी गई रकम की रिकवरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है । जिन छात्रों से इस रकम की रिकवरी होनी है वो भी आंकड़ा कुछ काम नहीं है वो आंकड़ा है 351 छात्रों का जिनसे लाखों की रकम की रिकवरी की जानी है ।
दरअसल , अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा अल्पसंख्यक कैटेगरी में आने वाले कक्षा 1 से कक्षा 5 पांच तक के छात्रों को 1000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है । साल 2016 – 17 , 2017 – 18 , 2018 – 19 में करीब 60000 छात्रों को ये छात्रवृत्ति दी गई जिनमें से 351 छात्रों को तय छात्रवृत्ति की रकम से ज्यादा रकम दे दी गई । इस घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और विभाग ने अब 351 छात्रों से तय छात्रवृत्ति से ज्यादा दी गई रकम को रिकवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । इस दौरान विभाग मुख्यालय से जो पत्र जारी हुआ है उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि छात्रों के द्वारा छात्रवृत्ति के लिए जो फॉर्म भरा गया था उन्हें आगे बढ़ाने में अनियमितता बरती गई । उसके साथ-साथ ही डुप्लीकेट फॉर्म भी भरे गए जिसके चलते ज्यादा रकम इन छात्रों मिली । वहीं विभाग के द्वारा पत्र जारी होने के बाद मेरठ के 351 छात्रों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ।
इस मुद्दे पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और रुहेल आज़म का कहना है कि 2016 -17 , 2017 -18 , 2018-19 में 60000 छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई थी जिनमें छात्रवृत्ति के अलावा उन्हें ट्यूशन फीस भी दे दी गई थी । ऐसे छात्रों की तादाद 351 है और उनसे रिकवरी की जा रही है । साथ ही साथ उन्होंने बताया कि ज्यादा रकम पाने वाले इन छात्रों के स्कूल और मदरसों को पत्र जारी कर उनसे आख्या मांगी गई है कि किस छात्र को ज्यादा रकम मिली है और उसके हिसाब से रिकवरी की प्रक्रिया अंजाम दी जा रही है ।
ज़ाहिर तौर पर कहा जाए तो विवादों में रहने वाला अल्पसंख्यक विभाग एक बार फिर चर्चाओं में बना हुआ है । वहीं इस ताजा घटनाक्रम की बात की जाए तो जिस तरीके से विभाग ने पत्र जारी कर छात्रवृत्ति के प्रार्थना पत्र को आगे बढ़ाने में जिला कार्यालय की कमी बरती है उससे ये बात साफ हो जाती है कि जिला कार्यालय की लापरवाही के चलते ही लाखों की रकम छात्रों को दे दी गई और अब उसे वापस रिकवर करने में विभाग एड़ी चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं ।