अपना मदरसा शुरू किया और ढाई दशक में ही बन गई ऊंची इमारत विदेशी धन भी खूब मिला
मुजफ्फरनगर। फुलत के मौलाना व कलीम सिद्दीकी ने मेरठ से बीएससी की और एमबीबीएस डॉक्टर बनने के लिए सीपीएमटी में 57वीं रैंक हासिल की, लेकिन डॉक्टर की बजाय मौलाना बनकर दीनी तालीम देने लगा। अपना मदरसा बनाया और उसके ट्रस्ट को खाड़ी देशों से तीन करोड़ रुपये की फंडिंग के साथ ही हवाला के जरिए भी खूब धन मिला। ढाई दशक में ही फुलत के मदरसे का नाम विदेशों तक पहुंचा।
किसान अमीन सिद्दीकी का बेटा कलीम सिद्दीकी (67) पढ़ने में तेज तर्रार था। उसके भतीजे हकीम जफर महमूद के मुताबिक प्रारंभिक शिक्षा फुलत गांव के मदरसे में ही हुई थी। पिकेट इंटर कॉलेज खतौली से विज्ञान वर्ग में इंटर की। मेरठ कॉलेज मेरठ से बीएससी के बाद ऊंची ख्वाहिशों को उड़ान देने के लिए एमबीबीएस डॉक्टर बनने की बजाय लखनऊ के मदरसे में दीनी तालीम हासिल की और गांव में ही पुराने मदरसे फैजुल इस्लाम में दीनी तालीम देने की शुरूआत कर मौलाना बन गया।
1998 में जामिया इमाम शाह वलीउल्लाह इस्लामिया की नींव रखी तो मौलाना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। फुलत में मदरसे की ऊंचाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कलीम का नाम बढ़ता गया। ढाई दशक में ही खाड़ी देश के चहेतों में वह शामिल हो गया था। बहरीन समेत अन्य देशों से मदद की पुष्टि हुई थी। इस बीच मौलाना पर धर्मांतरण के मामले भी सामने आए। कईं बार आरोप लगे, जिसके बाद सितंबर 2021 में कलीम को पकड़ा गया था। मौलाना कलीम और अन्य आरोपियों के पास से पासपोर्ट, मुहर, साहित्य, महिला व बच्चों की सूची, मोबाइल, लाइसेंस, पहचान पत्र, आधार, पैन, मैरिज सर्टिफिकेट और कन्वर्जन रजिस्टर बरामद हुआ था।
तीन साल पहले धर्मपरिवर्तन मामले में हुई थी कलीम की गिरफ्तारी
मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम के खिलाफ एटीएस ने 20 जून 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई। 21 सितंबर 2021 की रात मेरठ के निजी कार्यक्रम में शामिल होने गया था। एटीएस ने दिल्ली-दून हाईवे पर दौरान के पास मौलाना के अलावा ड्रॉइवर सलीम को पकड़ लिया था। मौलाना को साल 2023 में जमानत मिल गई थी। अदालत में पेशी के दौरान दोष सिद्ध होने पर मौलाना को न्यायिक हिरासत में लिया गया था।
मुजफ्फरनगर। फुलत के समृद्ध किसानों में शामिल रहे मोहम्मद अमीन सिद्दीकी ने दूसरा निकाह जुबैदा से किया था। इनके बेटे अलीम, सलीम, कलीम और हलीम – हैं। कलीम ही मौलाना कलीम सिद्दीकी बनकर चर्चित हुआ। पिछले 15 साल से मौलाना का परिवार दिल्ली के शाहीन बाग में रह रहा है। उसका बड़ा बेटा अहमद सिद्दीकी गांव की जमीन और मदरसे का संचालन करता है, जबकि दूसरा बेटा असजद सिद्दीकी दिल्ली में रहता है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी ओर सलीम पर दोष सिद्ध हो जाने के बाद बुधवार को लोगो की नज़र दिनभर लखनऊ से आने वाले फैसले पर टिकी रही।मदरसे मे भी लोगो की आवाजाही रही। लोगोबमे मौलाना का सजा की जानकारी पाने की उत्सुकता बनी रही से पर चल रहा आरोपी इदरीस कुरैशी गाँव के लोगो से मिला।