मेरठ :- आज दिनांक 25 सितंबर 2024 को मनोविज्ञान विभाग में विद्यार्थियों के माता-पिता एवं शिक्षकों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलन के उपरांत सभी का स्वागत प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल जी द्वारा किया गया एवं पेरेंट्स मीटिंग की रूपरेखा बताते हुए विभागाध्यक्ष प्रोo संजय कुमार ने कहा कि हम जब भी पेरेंट्स टीचर मीटिंग के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहला विचार स्कूलों में आयोजित की जाने वाली पेरेंट्स मीटिंग के बारे में ही आता है। परंतु माता-पिता का महत्व सिर्फ स्कूली स्तर पर ही नहीं अपितु हायर एजुकेशन स्तर उनकी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग के द्वारा शिक्षक एवं माता-पिता साथ बैठकर विभाग के विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाने और उनमें आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने पर विचार कर सकते हैं ताकि उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों का वे बेहतर तरीके से सामना कर सकें।
उन्होने कहा कि मनोविज्ञान विभाग अपने विद्यार्थियों के भविष्य को एक साकारात्मक दिशा देने में लगा है ताकि देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों के जैसे ही हमारे विद्यार्थी भी अपनी जिंदगी को सफल बना सकें। प्रोo अल्पना अग्रवाल ने कहा कि हम विद्यार्थियों को पंख दे सकते हैं लेकिन उड़ना तो उन्हें स्वयं ही होगा। उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान विभाग में कक्षाएं लगातार आयोजित की जाती है और माता-पिता को अपने बच्चों को समय से विभाग में पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा के यदि हम मिलकर के अपने बच्चों में आवश्यक स्किल विकसित कर लेते हैं तो समय आने पर वे अपनी जिंदगी के लिए उचित रास्ता स्वयं चुन सकते हैं।
उन्होंने माता-पिता को बताया कि वह अपने बच्चों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करें एवं उनसे वार्तालाप करते रहे ताकि कभी उनकी जिंदगी में कोई अनावश्यक परिवर्तन आए तो वह अपने मन की बात अपने माता-पिता से बेझिझक साझा कर सकें। विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अंशु अग्रवाल ने बताया कि किसी विद्यार्थी की जिंदगी में कई सारे विकल्प होते हैं लेकिन विद्यार्थी अपनी जिंदगी में सफलता कहां से प्राप्त करेगा यह इस पर आश्रित करता है कि वह कौन सा क्षेत्र, कौन सी यूनिवर्सिटी एवं कौन सा विषय अपनी जिंदगी को बनाने के लिए चुनता है और ऐसी स्थिति में माता-पिता एवं शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
माता-पिता के एक वक्तव्य का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे अपने शहर में ना पढ़कर किसी दूसरे शहर में पढ़ने के लिए तत्पर रहते हैं और ऐसे में माता-पिता को बेहतर चुनाव में मदद करनी चाहिए। उन्होने उन्होंने कहा कि हम शिक्षा प्राप्त इसलिए करते हैं ताकि हम अपनी जिंदगी को खुशनुमा एवं सकारात्मक बना सके परंतु हम साध्य को छोड़कर साधन के पीछे दौड़ रहे हैं। सहायक शिक्षक, रिशु शर्मा एवं रूपा शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनोविज्ञान विभाग का सिलेब्स काफी अच्छा है जोकि यू जी सी–नेट के सिलेबस को कवर करता है जिसे पढ़कर विद्यार्थी इस परीक्षा को पास कर सकता है।
उन्होने कहा कि विभाग में लगातार नेट की कक्षाएं आयोजित की जाती हैं साथ ही विभाग में केवल थियोरेटिकल शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि हर विषय वस्तु को प्रयोगात्मक ढंग से भी समझाया जाता है। कार्यालय अधीक्षक डॉo पूनम शर्मा ने माता-पिता को कार्यालय से संबंधित गतिविधियों में वह कैसे सहयोग कर सकते हैं के बारे में बताया। विद्यार्थियों के माता-पिता ने भी अपने मन की बात साझा करते हुए बताया कि मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक बहुत पंक्चुअल एवं अपने विद्यार्थियों पर पूरा ध्यान लगाते हैं और उन्हें खुशी है कि उनके बच्चे इस विभाग का हिस्सा है।
ज्यादातर माता-पिता ने अपने बच्चों को सिर्फ शैक्षिक गतिविधियों तक ही सीमित न रखकर उन्हें एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी भागीदारी करने हेतु प्रेरित करने का सुझाव दिया एवं विभाग की कार्य विधि को तहे दिल से सराहा एवं अपेक्षा की कि उनके परिवार के अन्य बच्चे भी मनोविज्ञान विभाग जैसे शैक्षिक संस्थाओं का हिस्सा बने। विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि विभाग में आने से पूर्व उन्हें नहीं लगता था कि वह यहां आकर इतने संतुष्ट हो सकते हैं।
कि उनके शिक्षक उनकी सिर्फ शैक्षिक जरूर को ही पूरा नहीं करते बल्कि व्यक्तिगत एवं इमोशनल जरूरतों का भी पूरा ध्यान रखते हैं। एवं जब कभी भी आवश्यकता उन्हें पड़ती है तो एक परिजन की तरह वह अपने विद्यार्थियों के साथ खड़े रहते हैं और इस विभाग का हिस्सा होने पर वे अत्यंत संतुष्ट महसूस करते हैं। कार्यक्रम का संचालन एमoएo की छात्रा दिव्यांशी ने किया एवं कार्यक्रम में को सफल बनाने में परस्नातक विद्यार्थियों ने सहयोग किया।