मेरठ : फ़िज़िक्स वाला (पीडब्लू), भारत की प्रमुख एडटेक कंपनी, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए शैक्षणिक वर्ष 25-26 में 77 नए ऑफलाइन टेक-इनेबल्ड लर्निंग सेंटर्स खोलने का ऐलान किया है। ये नए सेंटर्स तमिलनाडु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में खोले जाएंगे। इस विस्तार से पीडब्लू के ऑफलाइन सेंटर्स की कुल संख्या 126 से बढ़कर 203 हो जाएगी, जो 141 शहरों में होंगे। इस कदम का मकसद खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों के बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है, ताकि देश के दूर-दराज़ के इलाकों तक भी इसका लाभ मिल सके।
अंकित गुप्ता, CEO-ऑफलाइन, फ़िज़िक्स वाला, ने कहा, “पीडब्लू में, हम हमेशा छात्रों की ज़रूरतों और उनकी भलाई को प्राथमिकता देते हैं। नए सेंटर्स खोलकर हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्रों को अच्छी शिक्षा के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े, जिससे उनका आर्थिक बोझ भी कम हो। साथ ही, हम ये भी चाहते हैं कि उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में शिफ्ट होने का मानसिक और भावनात्मक तनाव न झेलना पड़े।”
शैक्षणिक वर्ष 24-25 में पीडब्लू के विद्यापीठ और पाठशाला सेंटर्स में 2 लाख से ज़्यादा छात्रों ने एडमिशन लिया, जो पीडब्लू के मिशन पर लोगों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। अगले शैक्षणिक वर्ष में पीडब्लू का लक्ष्य 2.5 लाख छात्रों को पढ़ाना है और कंपनी इस बात पर पूरी तरह से ध्यान देती है कि हर स्टूडेंट को उसकी पढ़ाई के लिए जरूरी गाइडेंस और संसाधन मिलें। आज लगभग हर IIT और हर AIIMS में पीडब्लू का कोई न कोई छात्र पढ़ रहा है।
पीडब्लू के ऑफलाइन सेंटर्स दो मॉडल्स में बंटे हुए हैं – विद्यापीठ और पाठशाला । विद्यापीठ सेंटर्स टेक-इनेबल्ड हैं, जहाँ छात्र क्लासरूम में आकर अनुभवी टीचर्स से पढ़ाई करते हैं। वहीं पाठशाला मॉडल में ‘दो-टीचर सिस्टम’ है, जहाँ एक टीचर वर्चुअली पढ़ाते हैं और दूसरा टीचर क्लासरूम में रहकर स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब देता है। इस मॉडल से छात्र चाहे कहीं भी हों, वे देश के टॉप टीचर्स से पढ़ाई कर सकते हैं। इन दोनों मॉडल्स को मिलाकर पीडब्लू ने डिजिटल और फिजिकल लर्निंग को एक साथ लाकर देशभर के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी है।
हाल ही में फ़िज़िक्स वाला ने अपनी तीसरी नेशनल स्कॉलरशिप एंट्रेंस टेस्ट (NSAT) 2024 का आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में हुआ। इस टेस्ट के लिए 250 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप रखी गई थी, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा स्कॉलरशिप टेस्ट बनाता है। इस पहल का मकसद NEET-UG और IIT-JEE जैसे बड़े एग्ज़ाम्स की तैयारी कर रहे छात्रों को उनकी आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना शिक्षा और एक्सपर्ट गाइडेंस देना है।