मेरठ के चर्चित होटल हार्मनी में देर रात पुलिस ने छापा मारा था जिसमे 100 से अधिक टेबलों पर दिल्ली और मुंबई की लड़कियां कैसिनो चलाती मिली थी। इस दौरान मेरठ के नामी ग्रामी लोग शामिल थे। पुलिस छापेमारी के दौरान मौके से डेढ़ करोड़ रुपये के कोइन भी बरामद किये थे। इस दौरान 6 युवतियों सहित 21 लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसमें होटल मालिक नवीन अरोड़ा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर थाना नोचन्दी रखा था जिसके बाद थाना नोचन्दी में व्यपारियो ओर पंजाबी समाज ने पहुच कर हंगामा शुरू कर दिया।
मंगलवार को नवीन अरोड़ा की गिरफ्तारी की खबर आग की तरह शहर में फेल गई नवीन अरोड़ा की गिरफ्तारी की बात सुनकर व्यपारियो ओर पंजाबी समाज के लोगो ने थाना नोचन्दी में पहुच कर हंगामा शुरू कर दिया और होटल मालिक की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए पुलिस प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे लगाये। व्यपारियो का कहना था कि नवीन अरोड़ा एक सज्जन व्यक्ति है और पूरी ईमानदारी से अपने होटल को चलाते है उनका कहना था कि उनका कैसिनो से कोई लेना देना नही था।
उनकी केवल जगह थी अगर कोई होटल में गलत काम कर रहा था तो उसको पुलिस गिरफ्तार करती ना कि पुलिस होटल मालिक को गिरफ्तार कर यहा एक व्यापारी को सलाखों में डाल दिया और उसको परेशान किया जा रहा है। पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए व्यपारियो ने थाने में जमकर हंगामा किया इस दौरान पुलिस और व्यपारियो की आपस मे नोकझोंक भी देखने को मिली जिसके बाद पुलिस ने होटल मालिक को कड़ी सुरक्षा के साथ मेडिकल कराने के लिये जिला अस्पताल भेज दिया जहा से होटल मालिक को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जायेगा।
पंडित बालकिशन राय का कहना है कि नवीन अरोड़ा को जिस तरह थाना नोचन्दी के अंदर विषेष रूप से थाने के अंदर बनी सलाखों के पीछे रखा गया वो निंदनीय है। उसको लेकर व्यपारियो में रोष है उनका कहना है कि जिस तरह ओर भी जगहों पर गेर कानूनी काम हो रहे है और उनको पुलिस नज़र अंदाज़ कर रही है क्या वो काम कानूनी रूप से ठीक है जो एक होटल व्यापारी को जिस तरह अरेस्ट किया गया है और उसके साथ बदसलूकी की गई है क्या वो ठीक है। उन्होंने कहा कि व्यपारी नवीन अरोड़ा ने तो केवल अपने होटल में जगह दी थी अगर उसमे कोई गेर कानूनी काम कर रहा है तो उसको गिरफ्तार कर जेल में डालना चाहिए था ना कि होटल हार्मनी के मालिक नवीन अरोड़ा को जेल में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेरठ के प्रतिनिधि भी इस घटना के बाद एक व्यापारी के साथ नही खड़ा है जब कि व्यापारी हमेशा मेरठ के प्रतिनिधियो की बात सुनते है सुविधाएं देते है साथ ही जो समाज से जुड़े प्रतिनिधि है आज वो भी व्यपारियो से बचते नज़र आ रहे है।