मेरठ पुलिस ने अंतराष्ट्रीय ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के तीन शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों अन्ना रेड्डी गेमिंग एप के जरिये लोगो को पैसे डबल करने का लालच देकर ठगी करते थे। इन तीनो आरोपियों के पास से पुलिस को 95 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, पांच पासबुक, नौ चेकबुक, चार मोबाइल पुलिस ने बरामद किये हैं। पुलिस ने अब तक कि बड़ी ठगी में इनका होना बताया है।
अंतराष्ट्रीय ठगी करने वाले ठगों का पर्दाफाश कर तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए पूरे गिरोह की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों नाम आसिफ, जमीर और तालिब है। ये तीनों त्योहारों पर लोगो के पैसे डबल करने का लालच देकर ठगी करते हैं। तीनों ठग मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। वही एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति से साइबर ठगी की शिकायत मिली थी जिसके चलते पुलिस द्वारा इनको तलाशा जा रहा था।
कुछ दिनों पहले सोहेल खान जो लोहियानगर मेरठ निवासी है उसने साइबर पोर्टल 1930 पर एक साइबर ठगी के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज करायी थी। सोहेल ने बताया कि दिवाली ऑफर के नाम पर एक अनॉथराइज कंपनी का लिंक उसे भेजा गया। उसी मोबाइल नंबर से कहा गया कि इस लिंक के जरिए अपनी रकम इंवेस्ट करो और कम इंवेस्टमेंट ओर कम समय में मोटा फायदा आप कमा सकते हो। सोहेल के कच्चे लालच में आकर लगभग एक लाख रुपया उस लिंक के जरिए कई अलग अलग बैंक खातों में इंवेस्ट कर दिये। इन्वेस्टमेंट करने के बाद में उसे जब कोई प्रॉफिट नही मिला तो उसे शक हुआ कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है।
सोहेल की शिकायत के बाद साइबर टीम पूरे मामले की जांच में लगी हुई थी । जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी पुलिस ने उन खातों को चेक किया तो हर खाता दो से तीन खातों से लिंक हुआ मिला। ये खाते ताबली गांव मुजफ्फरनगर के समीर के नाम पर चल रहे थे। पुलिस ने देर ना करते हुए पहले समीर तक पहुंची फिर साइबर ठगी का मुख्य आरोपी आसिफ उर्फ सिप्पा गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आसिफ ने बताया कि वो 2012 से 2023 तक कुवैत में रहा है। कुवैत में उसका भाई महताब एक रेस्टोरेंट चलाता है। 2016 में उसकी मुलाकात कुवैत में टेक्निशियन चार्ली उर्फ सद्दाम से हुई। दोनों में दोस्ती हुई। लगभग 6 महीने पहले दिल्ली के चांदनी चौक पर दोनों दोबारा मिले। तब चार्ली ने ही उसे आहिल जो मुंबई में रहता है उसके बारे में बताया। दोनों ने आहिल से फोन पर बात की और मिलकर अवैध रूप से ऑनलाइन एप बनाने का प्लान किया। इस एप के जरिए लोगों से पैसा लगवाएंगे ओर लोगो के साथ धोखाधड़ी कर ठगी करने का सारा प्लान बनाया।
इस मामले में उनका एक साथी मुंबई निवासी आहिल एप बनाने में माहिर है। इस डील के तहत आहिल ने मुंबई में बैठकर अवैध गेमिंग एप अन्ना रेडी एप बनाया ओर साइबर ठगी करने का काला कारोबार शुरू कर दिया। आसिफ के बनाए एप पर आसिफ और समीर अपने परिचतो से पैसे लगवाने लगे। ये लोग फर्जी बैंकखाते खुलवाकर उसमें इंवेस्टमेंट की रकम ट्रांसफर करते थे। पहले कम रकम लगवाकर मिनाफ़े के नाम पर कुछ रकम लोगो को भेजते थे फिर उनको मुनाफा देने के बाद में बड़ी रकम इन्वेस्ट करा कर ठगी करते थे। पुलिस पूछताछ में आसिफ ने बताया कि एप चलाने के लिए उसने 40 बैंकखातो को उन्होंने किराए पर लिया उनके एटीएम कार्ड बनवाए। सभी बैंक खातों से जुड़े लोगों के नाम से नकली डॉक्यूमेंट बनाकर मोबाइल सिम इश्यू कराये। ये सिम चार्ली उर्फ सद्दाम को दिये।
पहले इन लोगो द्वारा भोले भाले लोगो को अपने द्वारा तैयार किये अवैध एप्प से लिंक भेजा जाता है फिर उनसे बातचीत करके उन्हें ज्यादा पैसा देने का झांसा देकर अपनी ओर आकर्षित कर उन्हे एप्प का सदस्य बनाया जाता है। सभी सदस्यों के द्वारा अलग-अलग एकाउण्ट में पैसा निवेश कराया जाता है। जैसे ही निवेशक लिंक क्लिक करता है तो उसके पैसे उसके खाते से कट जाते हैं। इंवेस्ट की हुई रकम को धोखाधड़ी से अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है, अधिक पैसा आने पर मूल खाते को बन्द कर दिया जाता है। इस प्रकार उक्त गैंग द्वारा इस अवैधानिक कार्य को भारत के साथ-साथ भारत के बाहर दुबई व अन्य देशों में रहकर अलग-अलग जगह से साइबर ठगी का गोरखधंधा किया जा रहा है।
एसपी सिटी ने बताया कि ये साइबर गैंग मिलकर रोजाना 15 लाख रुपयों की ठगी करता है। ठगी की रकम आसिफ अपने सीनियर गैंग मेंबर चार्ली उर्फ सद्दाम को पहुंचाता है। अभी तक ये गिरोह सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी कर चुका है। फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर निवेश के नाम पर मोटी रकम ठग रहे हैं।