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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपी पीसीएस 2022 का रिजल्ट घोषित हो गया है। मेरठ जिले की शिखा शर्मा ने पीसीएस परीक्षा में सफलता पाकर अपने परिवार का मान बढ़ाया है। शिखा के पिता एक चाय की दुकान चलाते हैं और उसी से जो कमाई होती है ,उसी से पूरे परिवार का खर्च चलता है।
शिखा के पीसीएस परीक्षा में चयन होने की खबर जैसे ही परिवार को हुई सभी मारे खुशी के झूम उठे। मेरठ शहर के ट्रांसपोर्टनगर थाना क्षेत्र की चन्द्रलोक कालोनी में शंकरदत्त शर्मा और पुष्पा शर्मा सपरिवार रहते हैं । शिखा के पिता शंकरदत्त वहीं घर में ही चाय की दुकान चलाते हैं। उनके दो बेटियां और एक बेटा है।
हिंदी माध्यम से की है पढ़ाई…
अपनी स्कूली शिक्षा के बारे में शिखा ने बताया कि मेरठ के महावीर शिक्षा सदन से उन्होंने हाईस्कूल की, उसके बाद वीके माहेश्वरी कन्या इंटर कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई की । शहर के डीएन कॉलेज से बीएससी की। उसके बाद फिर मॉर्डन हिस्ट्री में मेरठ कॉलेज से एम ए किया।
जिला दिव्यांगजन एवं सशक्तिकरण अधिकारी बन ग8 हैं शिखा ..
UPPCS-2022 की परीक्षा में उनकी बेटी शिखा को सफलता मिली है। बता दें कि शुक्रवार को जारी हुए रिजल्ट में शिखा जिला दिव्यांगजन एवं सशक्तीकरण अधिकारी के रूप में चयनित हुई हैं। Qnewsindia से बातचीत के दौरान शिखा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। बेटी शिखा ने मेहनत से यह सफलता पाई है।
शिखा के पिता बोले वह हाईस्कूल फेल हैं लेकिन बेटी ने उनके अरमान पूरे कर दिए..
Q news india से बातचीत के दौरान शिखा के पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें यह बताने में कोई संकोच नहीं है कि वह हाईस्कूल फेल हैं, लेकिन उनकी बिटिया ने अफसर बिटिया बनकर यह सिद्ध कर दिया है कि भले ही सीमित संसाधन क्यों न हों लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।
मुश्किल से बेटी के लिए पिता कर पाए थे एंड्रॉयड मोबाइल का इंतजाम…
शिखा के पिता ने बताया कि जब कोरोनाकल चल रहा था तो उनकी बेटी ने एंड्रॉयड मोबाइल की मांग की थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से बेटी के लिए मोबाइल का इंतजाम बेटी की ऑनलाइन स्टडी के लिए कर पाए थे।
शिखा की मां पुष्पा ,पिता और उनकी दादी व बहनों को बधाई देने वालों का तांता सुबह से ही लगा हुआ है। सभी का कहना है कि ईश्वर की कृपा और शिखा की मेहनत से यह कामयाबी मिली है।
सफलता का श्रेय दिया गुरुजनों परिजनों और रिश्तेदारों को..
शिखा ने बताया कि उन्होंने शहर के अमात्य इंस्टीट्यूट से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। उन्होंने बताया कि उनके गुरु राजेश भारती और ऋतु भारती ने उनका उचित मार्गदर्शन किया । उन्होंने बताया कि निरन्तर अभ्यास किया। शिखा ने बताया कि एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें लगने लगा था कि उन्हें शायद सफलता नहीं मिलेगी । तब उनके पिता और मां ने होंसला नहीं टूटने दिया। वह निरन्तर प्रयास करती रहीं। शिखा ने बताया कि वह यही कहेंगी कि कितने भी उतार चढ़ाव क्यों न आएं , लेकिन हमें बीच रास्ते से वापिस नहीं होना चाहिए । अपनी सफलता का श्रेय वह अपने गुरुजनों और माता पिता को देती हैं। उन्होंने कहा कि रिश्तेदारों ने भी उन्हें पूरा सहयोग दिया।
लोजी पहुंचे मिठाई लेकर पिता ने खुशी में बांटी चाय और मिठाई…
शिखा के पिता अपनी बेटी की कामयाबी से इतने खुश और भावुक हैं कि जो भी उनके पास बधाई देने पहुंचा उसे सबसे पहले गर्मागर्म चाय पिलाई और मिठाई बांटी ,राहगीरों को भी चाय पिलाई और मिष्ठान देकर अपने दबे हुए एहसास जाहिर किए
शहर के संभ्रांत नागरिक हों, चाहे रिश्तेदार सभी उन्हें बधाई देने पहुंच रहे हैं । शिखा के पिता का कहना है कि वह सभी माता पिता से यही कहेंगे कि अपनी बेटियों को कुछ करने का मौका दें बेटियां हमारा गौरव हैं।