614 सिजेरियन डिलीवरी करके मवाना बडी-बडी एफआरयू ने प्रदेश में प्राप्त किया पहला स्थान।
दूसरा नंबर गोरखपुर को मिला, तीसरा स्थान मुरादनगर की एफआरयू को मिला।
मातृ-शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश के लिए बनाई गई है बडी-बडी एफआरयू।
मेरठ, 12 अप्रैल 2023। शासन से जारी की गई बडी-बडी (Buddy-Buddy) डॉक्टर्स डायरी रिपोर्ट – 2022-23 के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), मवाना को सिजेरियन डिलीवरी के मामले में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। दूसरे नम्बर पर गोरखपुर है। जबकि तीसरे नम्बर पर मेरठ मंडल के जिला गाजियाबाद की मुरादनगर सीएचसी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने बताया -बडी-बडी एफआरयू में वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 614 सिजेरियन डिलीवरी हुई हैं। गोरखपुर जनपद की सहजनवा बडी- बडी एफआरयू 190 सिजेरियन डिलीवरी कर दूसरे स्थान पर रही है।
उन्होंने बताया – सूबे में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता। इसी क्रम में शासन के आदेश पर ग्रामीण क्षेत्र की फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) को बडी-बडी एफआरयू बनाया गया है। बडी-बडी अंग्रेजी भाषा का शब्द है, हिंदी में दोस्त-दोस्त होता है। दो दोस्तों को एक साथ उनकी मर्जी माफिक एक जगह पर तैनाती दी जाए तो वह बेहतर काम कर सकेंगे, इसी परिकल्पना पर एफआरयू को सक्रिय करने के लिए दो अलग-अलग विशेषज्ञताओं वाले डा. दंपत्ति को खुद उनके द्वारा चुनी गई ग्रामीण एफआरयू पर तैनाती दी गई।
जनपद में चार एफआरयू हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सरधना, दौराला, और मवाना सीएचसी के अलावा जिला महिला चिकित्सालय समेत चार एफआरयू हैं। मवाना एफआरयू में गायनोकोलॉजिस्ट डा. श्वेता चौहान तैनात है । एमओआईसी डा अरुण तैनात हैं। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने डा. अरूण व डा. श्वेता चौहान को इस कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दी हैं और साथ ही और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया है।
जिला स्वास्थ्य परामर्श दाता इलमा अजीम ने बताया – बडी-बडी एफआरयू बनाने का उद्देश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में एफआरयू को सक्रिय करते हुए आवश्यक सिजेरियन सुविधाएं उपलब्ध कराकर मातृ-शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। शासन की ओर से उत्साहवर्धन के लिए सिजेरियन डिलीवरी में काम करने वाली पूरी टीम को विशेष इंसेंटिव भी दिया जाता है।
मवाना सीएचसी पर साल भर में हुई 2487 नार्मल डिलीवरी
सीएचसी मवाना की एफआरयू पर तैनात गायनोकोलॉजिस्ट डा. श्वेता चौहान ने बताया – गत वर्ष उन्होंने 2487 नार्मल डिलीवरी (सामान्य प्रसव) करायी हैं। जिला अस्पताल के बाद मवाना सीएचसी ऐसी पहली सीएचसी है, जहां पर इतनी बड़ी संख्या में नार्मल डिलीवरी हुई हैं। एमओआईसी डा अरुण ने बताया- डा. श्वेता की चार साल पहले सीएचसी पर तैनात हुई थी, उनके आने के बाद यह ग्राफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।