हस्तिनापुर सीट से विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक की एक बहन वर्षा मोघा सहारनपुर के सरसावा से भाजपा के टिकट पर चेयरमैन का चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी बहन सुधा देवी मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चेयरमैन की प्रत्याशी हैं।राज्यमंत्री की 2 बहनों को एक साथ टिकट मिलने से भाजपा की परिवारवाद विरोधी नीति केवल कोरी बातें साबित हो रही हैं। जबकि पार्टी के पास चुनाव में जिताऊ चेहरों और अच्छे प्रत्याशियों की लाइन लगी है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी और प्रयागराज से लगातार मेयर रहीं अभिलाषा नंदी का टिकट परिवारवाद के नाम पर काट दिया गया। वहीं राज्यमंत्री की 2 बहनों को टिकट देने पर सवाल उठ रहे हैं। पूरे वेस्ट यूपी में मंत्री की बहनों के टिकट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
अब बात सपा की करें तो अतुल प्रधान वर्तमान में सपा से विधायक है। उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। अब निकाय चुनाव में सपा ने उन्हें मेयरका प्रत्याशी बनाया है। सवाल उठता है। राजनीतिक दलों में परिवारवाद का विरोधी करा जाता है। जब उन्हें इस तरह का काम करना है। तो शौर क्यों मचाया जाता है। परिवार विरोधी का नारा सिर्फ और सिर्फ कागजों तक सीमित होता दिखाए दे रहा है।