रक्तदान सामाजिक कारक न होकर मानवीयता का एक ऐसा दिव्य गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है: निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महारा
मानव एकता दिवस के अवसर पर दिल्ली एनसीआर में लगभग 1200 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ
(सुशील गाँधी) दिल्ली। ’रक्तदान सामाजिक कारक न होकर मानवीयता का एक ऐसा दिव्य गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है।’उक्त् उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी द्वारा ग्राउंड नं0 2 निरंकारी चौक, दिल्ली में आयोजित हुए ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये गये। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव आदरणीय जोगिन्दर सुखीजा जी ने जानकारी देते हुए बताया कि मानव एकता दिवस के अवसर पर दिल्ली एवं एन- सी- आर में लगभग 1,200 युनिट- रक्त संग्रहित हुए। इसके अतिरिक्त संपूर्ण भारतवर्ष में भी 50,000 से अधिक युनिट रक्त संग्रहित किया गया। सत्गुरु माता जी ने मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए फरमाया कि रक्तदान निष्काम सेवा का एक ऐसा सुंदर भाव होता है जिसमें केवल सर्वत्र के भले की कामना ही मन में होती है। फिर हृदय में यह भावना उत्पन्न नही ंहोती कि केवल हमारे सगे संबंधी या हमारा परिवार ही महत्वपूर्ण है अपितु समस्त संसार ही हमारा परिवार बन जाता है। जैसा कि सर्वविदित ही है कि निरंकारी जगत में ‘मानव एकता दिवस’ का दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की प्रेरणादायी सिखलाईयों को समर्पित है। इसके साथ ही सेवा के पुंज, पूर्ण समर्पित गुरु भक्तचाचा प्रताप सिंह एवं अन्य महान बलिदानी संतों को भी इस दिन स्मरण किया जाता है। ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर समूचे देश के विभिन्न स्थानों पर सत्संग कार्यक्रमों के साथ विशाल रूप में रक्तदान शिविरों की श्रंृखलाओं का आरम्भ हो जाता है जो वर्ष भर चलता है। रक्तदान के महत्वको बताते हुए सत्गुरु माताजी ने फरमाया कि ‘रक्तनालियों में ना बहे नाड़ियों में बहे ं(नसों)’ कि रक्त देते हुए हम यह विचार नहीं करते कि हमारा रक्त किसके शरीर में जा रहा है यह तो एक सामाजिक कार्य है जो मानवीय मूल्यों को दर्शाताहै जिसका एक जीवन्त उदाहरण निरंकारी राज पिताजी ने स्वयं रक्तदान करके दिया। इसी श्रृंखला के अंतर्गत यह महाअभियान समूचे भारतवर्ष में स्थापित संत निरंकारी मिशन की लगभग सभी ब्रांचों सहित भारत की राजधानी दिल्ली में भी बड़े स्तर पर सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निधय में आयोजित किया गया जिसमें सभी भक्तों ने इस सत्संग समारोह का भरपूर आनंद लिया और सभी रक्तदाताओं ने स्वैच्छापूर्वक सम्मिलित होकर पूरे जोश एवं उत्साह से रक्तदान किया। रक्त संग्रहित करने वाले अस्पतालों के डॉक्टरों एवं आंगतुको ने मिशन की निःस्वार्थ भाव से की जा रही सभी सेवाओ हेतु भूरी-भूरी प्रंशसा की। लोककल्याण की भावना से युक्त इस महाअभियान में रक्त संग्रहित करने हेतु इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के अतिरिक्त एम्स, एम्स सी-एन-सी-, डॉ राममनोहर लोहिया, गुरू तेगबहादुर, लोकनायक जय प्रकाश नारायरण, हिन्दू राव, जी-बी-पंत, सफदरजंग, दीन दयाल उपाधयाय, सुचेता कृपलाणी (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) एवं डॉ हेडगेवार इत्यादि अस्पतालो से योग्य डॉक्टरों एवं उनकी प्रशिक्षित टीम ने वहां पहुंचकर सभी रक्तदाताओं की जाँच की और उसके उपरांत ही रक्त संग्रहित किया।