मेरठ । जनपद में मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रों व शैक्षणिक संस्थानों आदि पर पर विविध कार्यक्रम हुए। शिविर, गोष्ठी, परिचर्चा और पेंटिंग प्रतियोगिता के जरिए जनपदवासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।एंबेड परियोजना के माध्यम से आई ई सी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें मच्छरों से बचने के उपाय की प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम के अंतर्गत बस्ती में मलेरिया जांच कैंप का आयोजन भी हुआ इसमें 35 बुखार के रोगियों की मलेरिया की जांच हुई, 8 लोगों की शुगर की जांच हुई, 15 लोगों की बीपी की जांच व कोरोना की एक जाँच हुई एवम लोगों को दवाइयां भी दी गई।
शर्मा नगर में लोगों को जागरूक करते हुए मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा अशोक तालियान ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब फॉगिंग का कार्य पूरे साल चलेगा। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन” है। इस थीम का उद्देश्य वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना और उनको जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। उन्होंने बताया कि जनपद में 2022 में मलेरिया के चालीस केस मिले। डेंगू के 348 केस मिले । इस साल अब मात्र तीन केस मिले है। किसी प्रकार को हाई रिस्क जोन नहीं बनाया गया है।
शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जावेद ने कार्यक्रम की सराहना की। नोडल अधिकारी ने बताया की मलेरिया दिवस पूरे जिले में मनाया जा रहा है ।
जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार किया जाएगा।
एंबेड परियोजना के माध्यम से आई ई सी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें मच्छरों से बचने के उपाय की प्रदर्शनी लगाई गई, मलेरिया मुक्त भारत के लिए संकल्प हेतु एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया व मलेरिया सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों के बारे में पोस्टर प्रदर्शित किए गए। एंबेड परियोजना के सहयोग से मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण का कार्यक्रम शहर की 200 बस्तियों में सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। संयुक्त निदेशक के हाथों जरूरतमंदों को मच्छरदानी भी बांटी गई ।
कार्यक्रम में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अंकुर त्यागी, विशंभर गुप्ता , अदिति चन्द्रा व गोदरेज फैमिली हेल्थ इंडिया की एंबेड परियोजना के शहरी समन्वयक संजय ने प्रतिभाग किया।इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग व एंबेड परियोजना के सहयोग से किशनपुरा बस्ती, खड़ोली बस्ती, मोहकमपुर बस्ती, लाला मोहम्मदपुर एवं जिटोली बस्ती के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के साथ रैली का आयोजन किया गया एवं इन्हीं बस्तियों में समुदाय जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया। सामुदायिक कार्यक्रमों में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रफीकपूरा प्रभात नगर में समुदाय की महिलाओं द्वारा ही रैली निकाली गई व समस्त नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया।
हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर
मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
क्या करें
मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।