कर्नाटक चुनाव के गर्मागरमी के बीच ‘टीपू’ फिल्म का ऐलान किया गया है। मेकर्स ने यह दावा किया है कि वह मैसूर किंग का वह पक्ष दिखाने की बात की है जिसके बारे में बात कम होती है।
इन दिनों पूरे देश की निगाहें कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। हर दिन वहां से कुछ न कुछ खबरें आ रही हैं जो लोगों का ध्यान खींच रही हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले एक ऐसी फिल्म का ऐलान हुआ है, जिसका संबंध चुनाव से माना जा रहा है। टीपू सुल्तान का नाम उनके दक्षिणपंथी आलोचकों द्वारा लिया जाता है, फिल्म ‘टीपू’ के निमार्ताओं ने घोषणा की है कि उनकी फीचर फिल्म मैसूर के राजा का एक अलग पक्ष पेश करेगी।
‘टीपू’ हैं राजनीतिक मुद्दा
टीपू सुल्तान को पहले स्वतंत्रता सेनानी, सक्षम प्रशासक और भारत को रॉकेटरी से परिचित कराने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से कर्नाटक में भाजपा ने ‘टीपू’ को राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ है, जिसे फिल्म में उजागर करने का प्रयास किया गया है। बीजेपी के उत्तर-पूर्व रणनीतिकार, मणिपुर के मुख्यमंत्री के सलाहकार और जाने-माने लेखक और टीवी कमेंटेटर रजत सेठी ने फिल्म के लिए रिसर्च की है।
निर्देशक का चौंकाने वाला दावा
फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा ने कहा, हमें स्कूल में टीपू सुल्तान के बारे में जो पढ़ाया जाता है, वह पूरी तरह से गलत सूचना है। मैं एक कट्टर राजा के रूप में उनकी वास्तविकता को जानने के बाद पूरी तरह से हिल गया और मेरी सोच बदल गयी। अपनी फिल्म के माध्यम से मैं एक क्रूर वास्तविकता दिखाने की हिम्मत कर रहा हूं कि सिर्फ हमारे लिए उसे एक योद्धा बनाने के लिए झूठी रचना की गई गयी थी। उन्होंने कहा: टीपू सुल्तान की इस्लामी कट्टरता उनके पिता हैदर अली खान की तुलना में बहुत खराब थी। वह उस युग के हिटलर थे।
सेठी ने आगे कहा: हालांकि इतिहास कई नायकों के लिए निर्दयी रहा है। कई अन्य लोगों पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज किया गया है। टीपू एक ऐसी ऐतिहासिक शख्सियत हैं, जिनकी प्रशंसा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, जबकि उनकी क्रूरताओं को हमारी पाठ्यपुस्तकों में बड़ी सफाई से छुपाया गया है। सिर्फ इतिहास ही नहीं, बल्कि लोकप्रिय संस्कृति फिल्मों, थिएटरों आदि, ने भी व्यवस्थित रूप से टीपू के यथार्थवादी और संतुलित चित्रण की अनदेखी की है। यह फिल्म उनके आख्यान में एक सुधार शुरू करने का एक विनम्र प्रयास है।
‘पीएम नरेंद्र मोदी’ बनाने वाले संदीप सिंह हैं प्रोड्यूसर
निर्माता संदीप सिंह, जो ‘पीएम नरेंद्र मोदी’, ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’, ‘अटल’ या ‘बाल शिवाजी’ जैसी फिल्मों के पीछे रहे हैं, ने कहा: यह वह सिनेमा है जिसमें मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करता हूं। मेरी फिल्में सच्चाई के लिए खड़ी होती हैं। जैसा कि हमारे इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में दिखाया गया है, उसे बहादुर मानने के लिए मेरा ब्रेनवाश किया गया था। लेकिन उनके द्वेषपूर्ण पक्ष को कोई नहीं जानता। मैं आने वाली पीढ़ी के लिए उनके छिपे हुए बुरे पक्ष को उजागर करना चाहता हूं।”
इरोस इंटरनेशनल, रश्मी शर्मा फिल्म्स और संदीप सिंह द्वारा समर्थित ‘टीपू’ हिंदी, कन्नड़, तमिल तेलुगु और मलयालम में रिलीज होगी।