बड़ी खबर :- एनसीआरटीसी ने भारत की प्रथम रीजनल रेल, रैपिडएक्स के कार्यान्वयन में प्रयुक्त नयी आधुनिक तकनीकों को किया साझा।
नई दिल्ली, 12 मई 2023: आज, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के नेतृत्व में नई दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसका थीम था ‘*परियोजना कार्यान्वयन में तकनीकों का व्यापक उपयोग*’। इस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न रेल परियोजनाओं से जुड़े एक्सपर्ट्स और वरिष्ठ अधिकारीगणों ने हिस्सा लिया और इस विषय पर अपना ज्ञान और अनुभव साझा किया।
यह विशेष कॉन्फ्रेंस उन आधुनिक तकनीकों पर केंद्रित था जो देश में मोबिलिटी सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आए हैं। एनसीआरटीसी की टीम ने इस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्रेज़ेन्टेशन में स्पीड, कॉमन डेटा एनवायरनमेंट (सीडीई), बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग, कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस स्टेशन (सीओआरएस) और ईटीसीएस-2 सिग्नलिंग सिस्टम जैसी कई आधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला जिन्होंने रैपिडएक्स परियोजना के कार्यान्वन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उद्घाटन सत्र के दौरान, मुख्य अतिथि *श्री मनोज जोशी, सचिव, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय* (MoHUA), भारत सरकार, ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, टेक्नॉलोजी ने निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसियों द्वारा परियोजना कार्यान्वयन की प्रक्रिया में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विभिन्न परियोजनाओं के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाना माननीय प्रधानमंत्री जी के गति शक्ति मास्टर प्लान के अनुरूप है और यह देश में भविष्य की परियोजनाओं को सहायता प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी ने देश की प्रथम रीजनल रेल परियोजना के कुशल कार्यान्वयन के लिए बीआईएम, सीडीई और रिंच जैसे कई तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया है। यह प्रशंसनीय है कि एनसीआरटीसी ने ऐसे नॉलेज-शेयरिंग प्लेटफार्मों पर इसे अन्य संगठनों के साथ साझा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
श्री *विनय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, एनसीआरटीसी* ने अपने संबोधन में एमएचयूए मंत्रालय, केंद्र और राज्य सरकारों तथा अन्य शेयरहोल्डर्स के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने एनसीआरटीसी को निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया है । उन्होंने कहा की, “इन परियोजनाओं को निर्धारित लागत और समय सीमा के भीतर क्रियान्वित करना कार्यान्वयन एजेंसियों की जिम्मेदारी है। देश की प्रथम रीजनल रेल कॉरिडोर को लागू करने के क्रम मे पिछले चार वर्षों में, हमें एनसीआरटीसी में, सामग्री, सप्लाई चेन और मैनपावर संबंधी कई बाधाओं का सामना करना पड़ा जो कोविड महामारी के कारण और जटिल हो गईं। भूमि अधिग्रहण, युटिलिटी शिफ्टिंग और भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया आवश्यकताओं से संबंधित कई जटिल चुनौतियाँ भी थीं। हालाँकि, परियोजना की शुरुआत से ही हमने नयी तकनीकों को अपनाने पर पर ज़ोर दिया, जिसने इन चुनौतियों को हल करने में हमारी बहुत मदद की। प्रारम्भिक चरण से ही अपनाए गए नए तकनीकों, जैसे बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (BIM), कॉमन डेटा एनवायरनमेंट (CDE), और रिंच आदि बहुत ही कुशल और लागत प्रभावी साबित हुए। इन उपकरणों ने इस परियोजना पर बड़ी संख्या में काम कर रहे कंसल्टेंटंस, क़न्ट्रैक्टर्स और डिज़ाइनरों एक के बीच सहज सहयोग बनाए रखना सक्षम बनाया और उनकी कार्यक्षमता बधाई।
इस कॉन्फ्रेंस में आयोजित विभिन्न सत्रों में रेल और शहरी पारगमन की परियोजनाओं में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग टूल्स और भारत की परियोजनाओं में अपनाए जा रहे बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग और कॉमन डेटा एनवॉयरमेंट के प्रभाव आदि पर सत्र शामिल थे। एनसीआरटीसी, गूगल क्लाउड, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, रेल विकास निगम लिमिटेड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, सिस्ट्रा, एमवीए कंसल्टिंग इंडिया, रिंच सॉल्यूशंस और कैप्रिकॉट टेक्नोलॉजीज के विभिन्न विशिष्ट वक्ताओं ने इंडस्ट्री के लिए विकसित की जा रही नए तरीकों और तकनीकों पर ज्ञान साझा किया।
इस कॉन्फ्रेंस में एडीबी इंडिया, एफ्कॉन्स, एलस्टॉम, एपीसीओ, आएसा, बेंटले सिस्टम्स, कैनन, चेन्नेई मेट्रो रेल, सीपीडब्लूडी, डीबी आरआरटीएस, डीबी ईसीओ, डेडिकेटेड फ्रेट क़रिडोर कॉर्पोरेशन, एजिस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स, एचआरआईडीसी, हैदराबाद मेट्रो रेल, भारतीय रेलवे, इरकॉन इंटरनेशनल, जयपुर मेट्रो रेल कॉर्प, केईसी इंटरनेशनल, कोच्चि मेट्रो रेल, एलएंडटी, मध्य प्रदेश रेल, एनबीसीसी, एनएचएसआरसीएल, पटना मेट्रो रेल, पीएमजी इन्वेस्ट इंडिया, राइट्स, आरएलडीए, एसएएम भारत, एसएएस, टंडन कंसल्टेंट, यूआरसी कंस्ट्रक्शन, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल, उत्तराखंड मेट्रो रेल सहित कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी की ।