मेरठ। शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधवपुरम, के आंतरिक मूल्यांकन प्रकोष्ठ एवं शोभित विश्वविद्यालय,के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम “उन्मेष” का शुभारंभ किया गया। एफ. डी. पी. का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) अश्विनी कुमार गोयल, पूर्व प्राचार्य एवं संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन एवं महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) अंजू सिंह द्वारा सरस्वती मां की प्रतिमा पर पुष्प एवम् माल्यार्पण करके किया गया।
संगीत विभाग से डॉ शालिनी वर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। आयोजन सचिव प्रोफ़ेसर गीता चौधरी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) अंजू सिंह ने मुख्य अतिथि को उत्तरीय और पौधा भेंट कर स्वागत किया, एफडीपी समन्वयक प्रोफेसर लता कुमार ने महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) अंजू सिंह को उत्तरीय एवं पौधा भेंट कर स्वागत किया । समन्वयक प्रोफेसर लता कुमार ने सात दिवसीय एफडीपी के उद्देश्य एवं कार्यक्रम योजना का संक्षिप्त परिचय दिया ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) अंजू सिंह ने कहा कि बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुरूप हम सभी को बदलना होगा तभी हम राष्ट्र-निर्माण में प्रभावी भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे। बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना एवं समसामयिक विषयों से परिचित कराना ही इस एफडीपी “उन्मेष” का मुख्य उद्देश्य है और आशा है कि एफडीपी अपने उद्देश्यों को पाने में अवश्य सफल होगी । महाविद्यालय प्राचार्य ने उन्मेष के आयोजन हेतु सभी को बधाई दी। एफडीपी का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में किया गया।
ऑनलाइन मोड में आभासी मंच से जुड़े अतिथि प्रोफेसर अमर गर्ग, वाइस चांसलर, शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ ने शिक्षक की व्यवसायिक नैतिकता एवं मूल्य विषय पर अपने उद्बोधन में कहा कि भले ही तकनीकी ने अपना विकास बहुत कर लिया है परंतु फिर भी शिक्षक की भूमिका एवं महत्ता को नकारा नहीं जा सकता। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ भी कागजी ना होकर व्यवहारिक होना चाहिए ताकि उत्पादन की गुणवत्ता को सुधारा जा सके, इसलिए आवश्यक है कि शिक्षक अपने छात्रों से प्रत्यक्ष संपर्क में रहें तथा स्वयं का मूल्यांकन करें और अपने व्यक्तित्व को बहुआयामी रूप से विकसित करें। इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अश्विनी कुमार ने प्रशासनिक कौशलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक कुशल प्रशासक बनने के लिए हर व्यक्ति को swot विश्लेषण करना आवश्यक है अर्थात उसे अपनी खूबियाँ,कमियां, अवसर एवं भय का पता होना चाहिए। व्यक्ति को एक उत्सुक पर्यवेक्षक, संतुलित व्यवहार वाला, मृदुभाषी, कर्तव्यनिष्ट्, आचार संहिता का पालन करने वाला, नये क्षेत्रों को जाने वाला होना चाहिए ताकि एक कुशल प्रशासक के रूप में अपने अधीनस्थों का मार्गदर्शन कर सके। एक प्रशासक को सभी को जोड़ कर चलना चाहिए परंतु अपनी सीमाओं का निर्धारण भी करना चाहिए । विषयपरक ज्ञान एवं सुनने की आदत होना आवश्यक है, अहंकार नहीं होना चाहिए तभी कुशल प्रशासक बना सकता है। आज के सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन एफ़डीपी समन्वयक प्रो. लता कुमार ने किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन एफडीपी संयोजक प्रोफेसर अनीता गोस्वामी द्वारा किया गया। तकनीकी सहयोग डा. गौरव द्वारा दिया गया। हाइब्रिड मोड में दो घंटे से अधिक समय तक चले इस आयोजन का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया गया। आयोजन में प्रो. अनुजा गर्ग, प्रो. मोनिका चौधरी, डा. आर.सी. सिंह, डा. मंज़ू रानी, डा. ज्योति चौधरी, डा. कुमकुम, डा. ऋचा राणा, डा. शाहिदा परवीन सहित समस्त महाविद्यालय परिवार ने सहयोग किया l आयोजन में महाविद्यालय प्राध्यापकों सहित यूट्यूब के माध्यम से 100 से अधिक शिक्षकों की प्रतिभागिता रही।