मेरठ कॉलेज मेरठ में आज दिनांक 30 मई 2023 को प्रातः 11:00 वनस्पति विज्ञान विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान डॉ पंजाब मलिक डॉ संदीप कुमार एवं प्रोफेसर योगेश कुमार के दिशा निर्देशन में वनस्पति विज्ञान विभाग के पश्च प्रांगण में 131 छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रजातियों जामुन, पीपल, बरगद. अर्जुन, नीम, मोहगनी अमरूद, आडू आदि के 131 पौधे रोपित किए गए.
क्योंकि मेरठ कॉलेज मेरठ स्थापना के 130 वर्ष पूरे हो कर 131 वर्ष जारी है इसलिए 131 पौधे एक साथ लगभग 1 बीघा जमीन में पास पास रोपे गए. शहरों में पेड़ पौधे घाट रहे हैं जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है इसलिए छोटे घने वनों की आवश्यकता है डॉ संदीप कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि इस प्रकार छोटे क्षेत्र में घने पेड़ लगाकर छोटा वन विकसित करने की यह संकल्पना “डॉक्टर मियावाकी” की अर्बन फॉरेस्ट की तकनीक पर आधारित है. इस विधि में शहरों में विभिन्न स्थानों में पड़े अप्रयुक्त स्थानों को उस वातावरण में पनपने वाले पौधों को पास पास लगाया जाता है
जिससे लगभग 3 वर्षों में यह पौधे एक छोटे वन का रूप ले लेते हैं तथा विभिन्न जीवो के आश्रय स्थल के रूप में काम आते हैं. इस अवसर पर प्रोफेसर योगेश कुमार ने छात्र-छात्राओं से इस कार्यक्रम से सीख लेकर अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार की विधि से पौधे रोपित करने का आह्वान किया. जिससे पृथ्वी पर जीवन बचा रह सके. जाने-माने वनस्पति शास्त्री डॉ पंजाब मलिक ने जैव विविधता को बनाए रखने के लिए डॉक्टर मियावाकी के अर्बन फॉरेस्ट के वर्तमान समय में आवश्यकता लाभ तथा विधि पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मेरठ कॉलेज की आंतरिक गुणवत्ता एवं सुनिश्चियन प्रकोष्ठ के सदस्यों डॉक्टर पंकज भारती डॉ हरगुन सहनी एवं डॉ स्वाति मिश्रा का विशेष योगदान रहा. कार्यक्रम के अंत में वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुमन वर्मा ने सभी शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अंजली मित्तल, मुख्य अनुशासन डॉ अनिल राठी, प्रोफेसर पवन कुमार, डॉ मेघा शर्मा आदि उपस्थित रहे.