मेरठ के दौराला के एक परिवार ने बेटी की ज़िंदगी को बचाने के लिये सब कुछ कर दिया। बीमार नाजिश एक कॉलेज की छात्रा है जिसको मालूम भी ना था कि नाजिश की जिंदगी किस मोड़ पर आकर खड़ी हो जाएगी नाजिश की जल्द शादी के सपने देखता उसका भाई और बेटी को विदा करती उसके माँ बाप के सपनो को मानो आसमान टूट गया हो और सब कुछ टूट के बिखर गया। नाजिश को कुछ महीने पहले ही मालूम हुआ कि नाजिश के दौरे पड़ने की वजह मामूली वजह नही नाजिश ने जब इसका इलाज कराना चाहा तो मालूम हुआ कि नाजिश की दोनों किडनी खराब हो चुकी थी।बेटी की खराब किडनी की खबर सुनकर मानो परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा हो किसी तरह भाई ने हिम्मत कर पेसो का इंतज़ाम किया और बहन की किडनी के लिये डायलिसिस कराया गया। डायलिसिस के चलते डॉक्टरों ने सलाह दी कि नाजिश का जल्द ट्रांसप्लांट नही किया गया तो नाजिश को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता था। लेकिन परिवार ने हिम्मत नही हारी ओर नाजिश के इलाज को कराने में कोई कसर नही छोड़ी डॉक्टर की सलाह से नाजिश के परिवार को आयुष्मान कार्ड के बारे में बतलाया गया जिसके चलते मालूम हुआ कि कुछ साल पहले ही परिवार के लोगो ने आयुष्मान कार्ड बनवाया हुआ था जिसकी वजह से नाजिश का सम्भव इलाज हो सकता है परिवार ने आयुष्मान कार्ड को लेकर तुरंत बेटी के इलाज के लिए अस्पताल का पता लगाया और मालूम हुआ कि ट्रांसप्लांटेशन के लिये परिवार के एक सदस्य को किडनी देनी होगी जिसके बाद माँ ने अपनी बेटी की जान बचाते हुए अपनी एक किडनी बेटी को दान कर दी और आयुष्मान की मदद से बेटी का सारा इलाज मुफ्त में हुआ जिसके बाद परिवार वालो ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद दिया है।