मेरठ। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के भतीजे की बाइक का चालान कटने के मामले में किसानों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। बुधवार रात किसानों ने इस मामले में गंगानगर थाने में डेरा जमाया और प्रदर्शन किया। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए थाना पुलिस ने बाइक का जुर्माना वसूलकर सीज बाइक को वापस लौटा दिया।लेकिन पुलिस ने थाना परिसर में अंदर डीजे बजाने, हुक्का फूंकने और अनुशासनहीनता बरतने पर भाकियू नेताओं पर मुकदमे लिख दिए। इसके खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। गुरुवार को किसानों ने थाने के बाहर डेरा जमा लिया।
आसपास के गांवों से किसान थाने पहुंचे। वहीं भट्टी चढ़ाकर बैठ गए। पुलिस, प्रशासन देर रात किसानों को मनाने का प्रयास करती रही, लेकिन किसान नहीं माने। जिद थी कि किसान नेताओं पर लिखे मुकदमे वापस लिए जाएं।राकेश टिकैत के भतीजे की बाइक का पुलिस ने चालान कर दिया था। इसके बाद 31 जनवरी को भाकियू नेताओं ने गंगानगर थाने में जुटकर प्रदर्शन किया। इसके बाद गंगानगर थाने में भाकियू नेताओं पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। बाइक छूटने के बाद किसान खामोश हो गए थे। लेकिन जब उन्हें पुलिस द्वारा किसानों पर मुकदमे लिखने की बात पता चली तो गुस्सा फूट पड़ा।
गुरुवार देर शाम मवlना में किसानों की आकस्मिक पंचायत बुलाई गई। पंचायत में तय हुआ कि पुलिस मुकदमे वापस नहीं लेगी तब तक किसान थाने पर ही धरना देंगे, उठेंगे नहीं।थाने पर धरने के फैसले के बाद किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर गंगानगर थाने पर जुटने लगे। जैसे ही पुलिस ने किसानों को थाने की ओर आता देखा तो थाने के सभी गेट बंद कर दिए। किसान क्या आम जनता को भी थाने में एंट्री नहीं दी गई।किसान काफी देर तक थाना पुलिस से गेट खोलने की बात करते रहे लेकिन गेट नहीं खुले। तब किसानों ने थाने के बाहर ही दरियां बिछाकर डेरा डाल दिया। थोड़ी देर में गद़्दे, कुर्सियां भी आ गईं। किसानों ने सर्दी, बारिश से बचने के लिए वहीं कनात तान ली। हुक्का जमा लिया।
पुलिस ने 40 किसानों पर लिखे हैं मुकदमे
जब बुधवार रात किसान बाइक छुड़ाकर वापस ले गए, उसके बाद गंगानगर थाना प्रभारी कुलदीप सिंह की ओर से भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, हर्ष चाहल, नरेश मवाना, अमित कुंडू को नामजद करते हुए लगभग 30-35 अज्ञात पर मुकदमा लिख दिया।धारा 147, 332 और 341 लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई। पुलिस ने कहा कि पूरे घटना की जो वीडियो बनी है उससे किसानों को चिह्नित कर रही है। चिन्हित पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अफसर किसानों को धरने से उठने के लिए कहते रहे, किसान नहीं माने। बल्कि आसपास के गांवों से भी देर रात तक किसान धरना स्थल पर जुटने लगे। किसानों की संख्या बढ़ती देख मौके पर एडीएमई अमित सिंह, एसपी देहात कमलेश बहादुर सिंह भी पहुंचे।अफसरों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। कहा कि किसान धरने से उठ जाएं, लेकिन किसान नहीं माने। किसानों ने स्पष्ट कह दिया कि पुलिस ने जिस तरह निर्दोष किसान नेता अनुराग चौधरी पर मुकदमा लिखा है वो वापस लिया जाए। किसानों ने कहा पुलिस जब तक मुकदमा वापस नहीं लेगी, हम यहीं धरना देते रहेंगे।किसानों ने कहा, पुलिस अपनी मनमानी कर रही है। पहले टिकैत के भतीजे की बाइक का चालान कर दिया। हमने नियमानुसार जुर्माना भर दिया तो हमारे किसान भाइयों पर मुकदमे लिख दिए। क्या अपने हक की बात करना भी जुर्म है। इस बात से नाराज किसान देर रात तक थाने के बाहर डेरा जमाए बैठे रहे।