मेरठ के मोदीपुरम जनता कॉलोनी में बीते दिन आग लगने के हादसे में एक ही परिवार के 6 लोग झुलस गए थे जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई।कॉलोनी ओर परिवार में इसके बाद से ही मातम छाया हुआ है यही नहीं आसपास के घरों में चूल्हा तक नहीं जले है कॉलोनी के लोगों ने कहा कि आज को होली का त्यौहार है लेकिन आज होली नहीं खेलेंगे । मोहल्ले और आसपास की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि जॉनी के परिवार से उन लोगों के परिवार में बड़ा दुख है इस तरह मासूम की जान जाने के बाद पुरी कॉलोनी के लोगों ने होली ना मानने की बात कही है।
बच्चो की बेहतर जिंदगी के लिए परिवार ने मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा गांव में पुश्तेनी घर छोड़कर मेरठ पल्लपुरम की एक कॉलिनी मे रह रहे थे। लेकिन आग के हादसे में परिवार के सारे अरमान चूर हो गये। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद सिखेड़ा में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे के बाद सिखेड़ा गांव से लोग मेरठ पहुच गये है।
सिखेड़ा गांव के अनुसूचित जाति के मिंटू पुत्र रत्न सिंह मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था। परिवार में पत्नी बबिता के अलावा बेटी सारिका, निहारिका, बेटा गोलू,ओर छोटा बेटा कल्लू थे। डेढ़ साल पहले मिंटू की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मिंटू परिवार में एकलौता था।
पति की मौत के बाद पत्नी बबीताअपने पारिवारिक देवर के साथ अपने बच्चो को लेकर मेरठ पल्लपुरम में रोजी रोटी कमाने के लिये ओर अपने बच्चो का पालन पोषण करने के लिये मेरठ आ गई थी।
बबिता ने अपने देवर जॉनी के साथ अपनी आगे की जिंदगी नये तरीके के साथ शुरू की। ओर अब पिता के रूप में जॉनी ही पत्नी और बच्चो का पालन पोषण कर रहा था। जानी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था। हादसे के बाद पंजाब में मजदूरी कर रहे मिंटू के ताऊ को सूचना दी गई। अधिकतर परिवार के लोग बाहर से मजदूरी करते है। हादसे की खबर मिलने के बाद परिवार के लोग मेरठ ओर दिल्ली पहुच रहे है।
हादसे के बाद कॉलिनी वासियों के कहना है कि जॉनी का परिवार पिछले डेढ़ साल से जनता कॉलोनी में रह रहा है। लोगो का कहना है कि इस कॉलोनी में लगभग 100 घर है। कॉलोनी निवासी तरुण ने कहा कि जिस दौरान ये हादसा हुआ वो छत पर थे। जॉनी के घर से अचानक तेज धमाके की आवाज आई। वो भाग कर पहुँचा तो जॉनी चिल्ला रहा था।तरूण ने बताया कि सारिका को छोड़ कर वो तीनो बच्चो को लेकर वो अस्पताल भगा। बच्चे बुरी तरह तड़प रहे थे। उधर कॉलोनी निवासी जॉनी, बबिता,सारिका को लेकर अस्पताल लेकर आये। वही देर रात सीएफओ संतोष कुमार ने घटनास्थल पर पहुच कर निरीक्षण किया।
बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर नगर के गांव सिखेड़ा में रविवार की रात चारो बच्चो का शव जैसे ही गाँव पहुँचा तो गांव गमगीन हो गया। इस हादसे की खबर लगते ही आसपास के गांव के लोग सिखेड़ा पहुचने लगे और बच्चो के शव को देख उनकी भी आँखे नम हो गई। जब बच्चो को गांव में दफनाया गया तो पूरा गांव उदास ओर बेबस नजर आ रहा था। सभी की आखों से पानी छलक रहा था। गांव के लोगो का कहना है कि अकसर ये परिवार गाँव मे आता था और सभी के दुख सुख में शामिल होता था। बच्चे हमारे बच्चो के साथ खेलते थे। छोटे छोटे मासूम बच्चे इस तरह हादसे का शिकार हो जाएंगे ये मालूम नही था।
जॉनी के रिश्तेदार का कहना है कि जॉनी का पूरा परिवार होली मनाने गांव जाने वाला था। रविवार को इस परिवार को अपने गांव जाकर होली की तैयारियां करनी थी। लेकिन हादसे के बाद पूरे सिखेड़ा गाँव मे अब मातम छाया हुआ है।
जॉनी का कहना है कि जिस समय ये हादसा हुआ उस समय वो अपनी पत्नी के साथ किचन में होली के पकवान बना रहे थे। अचानक एक धमाका हुआ और कमरे में आग लग गई जॉनी का कहना है कि मोबाइल चार्जिंग पर लगा था और चार्जर फटा जिससे आग लगी। सारिका को छोड़ सभी बच्चे कमरे में खेल रहे थे आग लगने के बाद बस चीखने चिल्लाने की आवाज़ जैसे आयी तो कुछ समझ नही आया और हम सब एक दूसरे को बचाने के लिये कोशिश करते रहे लेकिन कुछ नही बचा सके। पूरा परिवार जलकर झुलस गया।
जॉनी 40 प्रतिशत झुलस गया है जबकि जानी की पत्नी 50 प्रतिशत से अधिक जली हुई है जिसको दिल्ली रेफर कर दिया गया था जहां उसकी भी हालत गम्भीर बताई जा रही है। वही 70 प्रतिशत बच्चो के जलने से उनकी मौत हो गई। जिनके शवो को पुलिस द्वारा कार्यवाही के अनुसार पोस्टमार्टम कराया गया और उनके रिश्तेदारों को सौप दिया गया।वही जॉनी मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती है जहाँ उसका उपचार चल रहा है।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम बनाई गई है जो अपनी जांच कर रही है वही जिलाधिकारी दीपक मीणा ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए जांच के आदेश दिये है। एसएसपी रोहित सजवाण सीओ रुचिता सिंह ने भी जांच के लिये टीम बनाने की बात कही है।