मेरठ के आर्मी पब्लिक स्कूल में टीचर की लापरवाही के चलते सातवीं कक्षा के स्टूडेंट की आंख फूट गई। टीचर ने छात्र को ऐसे थप्पड़ मारा कि उसकी आंखों की रोशनी चली गई। छात्र के पेरेंट्स की शिकायत पर कोर्ट के आदेश पर स्कूल प्रिंसिपल, आरोपी टीचर और स्कूल चेयरमैन के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर दी तो पीड़ित पैरेंट्स ने कोर्ट का रास्ता इख्तियार किया। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा लिखा गया है।
पूरा मामला 10 महीने पहले का है। कंकरखेड़ा की किंग्स पार्क कॉलोनी निवासी सचिन रिटायर फौजी हैं और फिलहाल दिल्ली पुलिस में तैनात हैं। पत्नी इंदू देवी हाउस वाइफ हैं। उनका बेटा सिद्धार्थ आर्मी पब्लिक स्कूल मेरठ में कक्षा सात का छात्र था।
पीड़ित परिजनों ने बताया कि 10 महीने पहले आर्मी स्कूल में योग टीचर दक्ष ने बेटे को गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया। इससे बेटे की दाहिनी आंख में सीवियर इंजरी हो गई। हमें फौरन उसका ऑपरेशन कराना पड़ा।
परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद बेटे के आंख की रोशनी चली गई। स्कूल मैनेजमेंट से जब हमने इसकी शिकायत की तो उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद मजबूर पैरेंट्स ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब 10 महीने बाद कोर्ट के आदेश पर योग टीचर दक्ष, स्कूल प्रिंसिपल डॉ. रीता गुप्ता और चेयरमैन मेजर जनरल भूदेव परिदा के खिलाफ रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज हुई है।
पैरेंट्स ने कोर्ट को बताया कि उनका बेटा आंखों की रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी बीमारी से पीड़ित था। यह बीमारी अक्सर प्रीमैच्योर डिलीवरी या तीन पाउंड से कम वजन के बच्चों में हो जाती है। इसकी वजह से उसे काफी कम दिखाई देता था।
सिद्धार्थ की जुड़वा बहन दृष्टिबाधित है। वह दृष्टिबाधित बच्चों के विशेष स्कूल में पढ़ती है। सिद्धार्थ की बीमारी के बारे में स्कूल को हमने पहले दिन से ही बता दिया गया था। उसकी डायरी में भी बीमारी का जिक्र था।
चोट लगने पर टीचर ने इलाज नहीं बल्कि पनिशमेंट दिया आरोप है कि 17 नवंबर 2023 को योग शिक्षक दक्ष ने सिद्धार्थ को जोरदार थप्पड़ मारा। जिससे बच्चे की दाहिनी आंख में काफी चोट आई। उसे तत्काल इलाज दिलाने की बजाय सात पीरियड तक कक्षा के बाहर खड़ा रखा गया। बच्चे ने घर पहुंचकर अपनी मां को इसकी जानकारी दी।
वह बच्चे को चिकित्सक के पास ले गई। चिकित्सकों के अनुसार उसका रेटिना अलग हो गया और उसने आंख की रोशनी खो दी है। बच्चे की दो लेजर सर्जरी और तीन रेटिना सर्जरी हो चुकी हैं। इंदु देवी पुत्र के इलाज में व्यस्त रहीं।
28 जनवरी को उन्होंने प्रधानाचार्या को पत्र लिखा। लेकिन आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। 18 मार्च को उन्होंने प्रधानाचार्या के साथ स्कूल के चेयरमैन को भी शिकायती पत्र भेजा। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। 24 अप्रैल को उन्होंने सदर थाने में और एसएसपी के यहां शिकायत की।
लेकिन मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट के आदेश पर सदर बाजार पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। प्रधानाचार्या रीता गुप्ता ने बताया कि शिक्षक को बच्चे की बीमारी की जानकारी नहीं थी। हमने इस मामले में जांच कराई थी। शिक्षक को बाद में हमने टर्मिनेट कर दिया था।