पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां अराजकता का माहौल बना हुआ है । आलम के है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं जिसे लेकर बांग्लादेश में मौजूद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय डरा सहमा हुआ है । वहीं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों और मंदिरों पर हो रहे हमले का दुनिया भर में विरोध हो रहा है।
इसी क्रम में मेरठ में भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर विरोध दर्ज कराया गया । इस दौरान मेरठ बंद का ऐलान किया गया जिसका व्यापक असर देखने को मिला ।
मेरठ में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे , साथ ही साथ स्कूलों नें भी इस बंद में सहयोग किया और आज स्कूलों के बीच छुट्टी कर दी गई थी । वहीं हजारों की तादात में हिंदू समुदाय के लोग आज सड़कों पर उतरे और उन्होंने मेरठ के कमिश्नरी चौराहे का रुख किया । इस दौरान भारी तादाद में मौजूद न सिर्फ हिंदू समुदाय की पुरुष बल्कि उनके साथ महिलाएं और छोटे बच्चे भी मौजूद रहे । इस दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार का इन लोगों ने विरोध किया ।
साथ ही साथ यहां मौजूद लोगों ने भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौपा है और उसमें मांग की गई है कि जल्द से जल्द बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार को रोका जाए और इन अत्याचारों को करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए । इस दौरान मेरठ के कमिश्नरी चौराहे को छावनी में तब्दील कर दिया गया था जहां भारी पुलिस बल के साथ-साथ पीएसी और आरएएफ को भी लगाया गया । वहीं पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हथियार लहराते हुए नारेबाजी की ।
वहीं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हुए अत्याचारों के विरोध में की गई बंद की अपील का व्यापक असर देखने को मिला जहां बाजार सूने रहे , पेट्रोल पंप खाली रहे और स्कूल कॉलेज पर भी ताले लटके हुए नजर आए ।