मेरठ। उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के 60हजार पदों के लिए शनिवार और रविवार को परीक्षा की तिथि नियत थी। दोनों दिन लाखों अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। लेकिन छात्रों का आरोप हैं कि परीक्षा में पारदर्शिता नहीं रही हैं। परीक्षा से पहले ही पर्चा लीक हो गया। हालांकि सरकार ऐसे दावे को पहले ही नकार चुकी हैं, लेकिन सेकड़ों छात्रों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश में पुलिस के कांस्टेबल पद पर लगभग 60 हजार रिक्तियो पर प्रदेश भर में लाखों युवाओं ने 17 और 18 फरवरी को पुलिस भर्ती के लिए परीक्षा दी थी। परीक्षा संपूर्ण हुए अभी 2 दिन नहीं बीते की, पुलिस परीक्षा पर धांधली के आरोप लगने शुरू गए। इसी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ युवा जिलाधिकारी ऑफिस पहुंचे और हंगामा करते हुए पेपर लीक करने वाले दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए डीएम कार्यालय के बाहर गेट पर बैठ गए। इसके बाद युवाओं के बीच सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे और हंगामा कर रह रहे युवकों को किसी तरह शांत कराया।
युवाओं का आरोप है कि पेपर शुरू होने के पहले ही सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफार्म पर पुलिस पेपर लीक हो गया था। जिसके कारण जो कामयाब बच्चे जिन्होंने पिछले कई वर्षों से पुलिस के भर्ती के लिए तैयारी कर रखी थी। वें लोग पीछे रह गए एवं धांधली करने वाले लोग आगे निकल गए। युवाओं द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से मांग करते हुए पेपर लीक करने वाले को जल्द गिरफ्तार करने एवं दोबारा पेपर करने की मांग की गई।
वही विवि के छात्रों ने बिजली राज्य मंत्री डॉ सोमेन्द्र तोमर के आवास पर प्रदर्शन किया। छात्र वहां पर धरने पर बैठ गये। राज्य मंत्री के वहां पर न होने पर छात्र वहां पर मांग प्रतिनिधि को देकर चले गये ।