मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचें। उन्होंने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि या तो किसानों का समूल कर्ज माफ करें, या उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दें। समय पर किसानों का भुगतान नहीं होने की वजह से किसानों के बच्चों की स्कूलों की फीस तक नहीं गई है। ऐसे में किसान अपना पालन-पोषण कैसे करेंगें।
महिला प्रदेश अध्यक्ष आयुषी सिंधु तेवतिया के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपते हुए कहा कि किसानों की फसलों पर फसल खरीद की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग का फार्मूला लागू किया जाए।
किसानों का समूल कर्ज माफ किया जाए। किसानों को सिंचाई सुविधा फ्री में प्रदान की जाए। फसल बीमा योजना और जोखिम होने पर तुरंत आर्थिक मदद किसानों को मिले। कृषि यंत्र और रासायनिक दवाइयां पर जीएसटी नहीं लगाया जाए। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 तत्काल लागू किया जाए।
किसानों की वह भूमि जिस पर अभी तक काम ना किया हो, उसे तत्काल वापस किया जाए। किसानों को 5000 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाए। जिस प्रकार देश में उद्योगपतियों का कर्ज माफ होता है, उसी तरह किसानों का भी कर्ज माफ होना चाहिए।
देश में मोटर वाहनों के दस और पंद्रह साल वैलिडिटी का नियम है। इस नियम में कृषक वाहनों को न रखा जाए। किसानों के ट्यूबवेल पर विद्युत मीटर ना लगाया जाए। इस दौरान सत्येंद्र फौजी, इंद्रजीत गौरव, संदीप व अन्य किसान मौजूद रहे।