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खास रिपोर्ट

भारत से यूरोप जा रहा रूसी तेल किसे फ़ायदा पहुंचा रहा है

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दो महीने बाद ये प्रतिबंध उसके रिफाइंड ऑयल प्रोडक्ट्स पर लगा दिए गए. प्रतिबंध से पहले तक यूरोप अपनी ज़रूरत का 30 फीसदी तेल रूस से खरीदता था.

माना जा रहा था कि रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध से यूरोपीय संघ समेत पूरे यूरोप में सप्लाई की किल्लत पैदा हो सकती है. यूरोप के लिए ये और अधिक चिंता की बात थी क्योंकि ये पहले से ही ऊंची महंगाई दरों से जूझ रहा था.

लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद यूरोप को रूसी तेल की सप्लाई जारी है.

वित्त वर्ष 2022-23 का ये सर्वोच्च मासिक आंकड़ा था. अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 भारत से यूरोप को निर्यात किया जाने वाला रिफाइंड पेट्रोलियम का निर्यात बढ़ कर 1.16 करोड़ टन तक पहुंच हो गया.

इस वजह से भारत से जिन 20 क्षेत्रों को रिफाइंड पेट्रोल प्रोडक्ट का आयात होता है उसमें यूरोपियन यूनियन शीर्ष पर पहुंच गया था.

इस अवधि के दौरान भारत के रिफाइंड पेट्रोल प्रोडक्ट्स के निर्यात का 15 फीसदी हिस्सा अकेले यूरोपीय बाज़ार में किया गया. बाद में ये बढ़ कर 22 फीसदी तक पहुंच गया.

ब्लूमबर्ग की एक ख़बर के मुताबिक रूस के पेट्रोलियम उत्पादों पर यूरोपियन यूनियन के प्रतिबंध के बाद भारत के रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का इस बाज़ार में निर्यात लगातार बढ़ा है और अब यहां सबसे बड़े सप्लायर बनने की राह पर है.

अमेरिका और यूरोप की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी भारत रूस से भारी मात्रा में रियायती दाम पर कच्चा तेल खरीद रहा है.

पिछले साल फरवरी में छिड़े रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले तक भारत के आयात बास्केट में रूसी तेल की हिस्सेदारी सिर्फ एक फीसदी थी लेकिन एक साल में यानी फरवरी 2023 में ये हिस्सेदारी बढ़ कर 35 फीसदी पर पहुंच गई. इस समय तक भारत रूस से प्रतिदिन 16.2 बैरल तेल खरीद रहा था.

इस साल मार्च में खुद रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जे़ंडर नोवाक ने बताया कि उनके देश ने पिछले एक साल में भारत को अपनी तेल बिक्री 22 फीसदी बढ़ाई है. भारत चीन और अमेरिका के बाद तेल का तीसरा बड़ा खरीदार है. लेकिन अमेरिकी और यूरोपीय प्रतिबंधों के बाद से जब रूस ने अपना तेल सस्ता किया तो भारत के लिए ये अपना तेल भंडार बढ़ाने का अच्छा मौका था.

रूस से बढ़ी तेल सप्लाई का फायदा अब यहां की निजी तेल रिफाइनिंग उठा रही हैं और इनका सबसे अच्छा बाज़ार उन्हें यूरोप दिख रहा है.

रिफाइनिंग कंपनियों को फायदा

भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल रिफाइनिंग देश में शामिल है. भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों की ओर से सप्लाई में हुई बढ़ोतरी से यूरोपीय बाज़ार में तेल का संकट बेकाबू नहीं हुआ है, जबकि पहले इसकी काफी ज्यादा आशंका जताई जा रही थी.

भारत कच्चे तेल का सबसे बड़े आयातक देशों में शामिल है. लेकिन भारत की रिफाइनरी क्षमता इसकी घरेलू मांग से कहीं ज्यादा है. यही वजह है अतिरिक्त सप्लाई तेज़ी से यूरोपीय बाज़ार की ओर मुड़ गई है.

इससे भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों रिलायंस और रूसी एनर्जी ग्रुप रोजनेफ्ट की हिस्सेदारी वाली कंपनी नायरा को अच्छा फायदा मिल रहा है.

भले ही यूरोपियन यूनियन ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन भारत के ज़रिये ये खूब तेल खरीद रहा है.

ये भी दिलचस्प है कि यूरोपीय देशों ने रूस से सस्ते में कच्चा तेल खरीदने के भारत के कदम पर नाराज़गी जताई थी.

दिसंबर 2022 में भारत आई जर्मनी की विदेश मंत्री एनेलिना बेरबॉक ने जब रूस से तेल खरीदने पर भारत से शिकायत की थी तो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि पिछले नौ महीने में यूरोपियन यूनियन ने जितना तेल खरीदा है, भारत ने उसका छठा हिस्सा ही खरीदा है.

भारत भरोसेमंद सप्लायर के तौर पर उभर रहा है

आईआईएफएल सिक्योरिटीज़ में कमोडिटीज़ के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि भारत की अपनी क्रूड की मांग काफी ज़्यादा है. इसके पास एक महीने से ज़्यादा का रिज़र्व नहीं रहता.

ऐसे में अगर भारतीय रिफाइनिंग कंपनियां ज़्यादा सप्लाई का इस्तेमाल पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात बढ़ा रही है तो यह इसके लिए काफी अच्छी बात है.

गुप्ता का कहना है कि रूस के तेल पर बैन के बाद यूरोपियन यूनियन के देशों में जो तेल संकट है, उसे देखते हुए वहां आयात बढ़ा है. अभी तक यूरोपीय देश भारत से ज्यादा रिफाइंड प्रोडक्ट नहीं खरीदते थे लेकिन अब उन्होंने मौजूदा संकट को देखते हुए भारतीय प्रोडक्ट को तवज्जो देना शुरू कर दिया है.

गुप्ता कहते हैं, ”ये भारत की आर्थिक क्षमता के लिए अच्छी बात है. इससे भारत एक भरोसेमंद सप्लायर के तौर पर उभरा है. भारत के सप्लाई चेन की एक मज़बूत कड़ी के तौर पर उभरने की संभावना बनी है, जिस पर अमेरिका और यूरोपीय देश भरोसा कर सकते हैं.” कुल मिलाकर ये इसकी आर्थिक हैसियत के लिए अच्छी बात है.

विश्लेषकों का कहना है कि भले ही कुछ पश्चिमी देश रूस से ज़्यादा तेल खरीदने को लेकर भारत से नाराज़ थे. दुनिया के सामने उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें इस स्थिति से कोई दिक्कत नहीं थी.

अमेरिका और कई पश्चिमी देशों के लिए ये राहत की बात होगी कि भारत की रिफाइनिंग कंपनियों को ग्लोबल ऑयल की सप्लाई बरकरार रहे. क्योंकि इससे यहां के रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स उनके मार्केट में आ सकें और वहां सप्लाई की स्थिति अच्छी रहे. ये यूरोप और अमेरिका दोनों के हित में हैं. खासकर यूरोप के लिए, क्योंकि बढ़ती महंगाई को देखते हुए वहां तेल महंगा होना ख़तरे की घंटी है.

अमेरिका और यूरोप को लग रहा है कि तेल की ग्लोबल सप्लाई को झटके से बचाने के लिए भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों का निर्यात बढ़ना एक अच्छा संकेत है.

भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों को इसका ख़ासा फायदा हो रहा है. सस्ते रूसी तेल की वजह से उनकी रिफाइनिंग लागत घटी है और मार्जिन बढ़ा है.

अनुज गुप्ता कहते हैं, ”भारत को इसका फायदा मिलेगा. इससे पहले से ही मज़बूत भारतीय रिफाइनिंग इंडस्ट्री और ताकतवर बनेगी. इससे भविष्य में भारत एक इंटरमीडियरी मार्केट बन सकेगा. ज्यादा से ज्यादा देश भारत से रिफाइनिंग पेट्रो प्रोडक्ट्स खरीदेंगे.”

भारत को बढ़ानी होगी अपनी रिफाइनिंग क्षमता

रूसी तेल पर प्रतिबंध को लेकर यूरोपीय यूनियन के देशों में शुरू में सहमति नहीं थी. ये जल्दबाज़ी में लिया गया फैसला था. यहां तक कि फ्रांस और जी-7 के बाहर देशों ने भी कहा कि ये जल्दबाजी में लिया गया फैसला है.

एनर्जी एक्सपर्ट अरविंद मिश्रा कहते हैं, ”यूरोप के सामने अभी सबसे बड़ा संकट ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी है. यूरोप में बिजली के दाम में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. आज भले ही रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा हो लेकिन यूरोप को रूसी एनर्जी पर निर्भर रहना ही होगा. आज भी ऐसा ही है. बदले हालात में ये तेल अब सीधे रूस से नहीं बल्कि भारत के जरिये आ रहा है. एनर्जी सिक्योरिटी एक ऐसा विषय है जिस पर सीधे कोई लाइन नहीं ली जा सकती.”

भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीद कर कर अब तक 35 हज़ार करोड़ रुपये बचाए हैं. दूसरी ओर ये पेट्रोलियम उत्पादों का बड़ा सप्लायर बन कर भी उभरा है.

अरविंद मिश्रा कहते हैं, ”युद्ध ने ऐसी स्थिति बनाई है कि भारत जिस कमोडिटी का आयातक रहा है वो अब इसका निर्यातक बनता जा रहा है. भारत तेजी से पेट्रोल के वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की सप्लाई का बड़ा हब बनता जा रहा है. लेकिन भारत आगे इस स्थिति का फायदा तभी उठा पाएगा जब वो अपनी रिफाइनिंग क्षमता को और विस्तार दे और इसे मजबूत बनाए.”

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श्री वैंक्टेेश्वरा विश्वविद्यालय एन एच.9 पर वैंक्टेश्वरा सेतू उपरिगामी पैदल पथ ब्रिज का शिलान्यास हुआ

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मेरठ सोमवार को  अमरोहा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित श्री वैंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय संस्थान के मुख्य द्वार के सामने भगवान वैंक्टेश्वरा की अनुकम्पा एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री भारत सरकार  नितिन गड़करी  के अनुमोदन के बाद पैदल फुटओवर ब्रिज वैंक्टेश्वरा उपरिगामी सेतू का शानदार शिलान्यास भूमि पूजन किया गया।

लगभग दो करोड़ की लागत से बनने वाला यह ओवरब्रिज मार्च 2024 में विश्वविद्यालय हॉस्पीटल कर्मचारीयों एवं आमजनता को समर्पित हो जायेगा। यह बात आज इसके शिलान्यास के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रबंधक ललित तिवारी ने कही। श्री तिवारी ने बताया कि यह  वैंक्टेश्वरा सेतूष्अभी तक बने सभी फुटओवर ब्रिज में सबसे सुरक्षित एवं शानदार होगा। श्री वैंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के सामने बनने वाले इस फुटओवर ब्रिज का शिलान्यास भूमि पूजन ज्योतिष समयानुसार अपराहृन समूह चेयरमेन डॉ सुधीर गिरी राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रबंधक ललित तिवारी प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी सीईओ अजय श्रीवास्तव एन एच के अधिकृत कॉन्ट्रेक्टर  डी एस  वशिष्ट आदि ने विधिवत पूजा अर्चना कर एवं नारियल फोड़कर किया।

इस अवसर पर समूह चेयरमेन डॉ सुधीर गिरि ने कहा कि इस वैंक्टेश्वरा सेतू के निर्माण से जहाँ एक ओर आमजनमानस को राष्ट्रीय राजमार्ग पार करने में सुगमता होगी वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ सालों में हुई सड़क दुर्घटनाओं की पुनरावत्ति को रोकने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर समूह के प्रधान सलाहकार प्रो वी पी एस अरोड़ा, सलाहकार आर एस शर्मा, डॉ तेजपाल सिंह, डॉण् राजेश सिंहए डॉण् दिव्या गिरधरए डॉण् योगेश्वर शर्माए डॉण् अनिल जयसवाल, डॉ एस एन साहू, मेरठ परिसर से डॉ प्रताप सिंह अरूण गोस्वामी, डॉ दिनेश सिंह, सुनील कुमार भगवानिया, मारूफ चौधरी, एस एस बघेल एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे

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सील की कार्रवाई हुई एमडीए उपाध्यक्ष को सौंपेंगे शहर चिकित्सक अस्पताल व क्लीनिक की चॉबी

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मेरठ। न्यूटिमा हॉस्पिटल को मेडा का सील का नाेटिस मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन में हडकंप मच गया है। आनन फानन  में आईएमए व नर्सिंग होम एसोशिएशन की आपातकालीन बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया है। अगर मेरठ विकास प्राधिकरण न्यूटिमा हॉस्पिटल पर सील की कार्रवाई करता है तो आईएमए के 150 सदस्य और आईएमए के सभी चिकित्सक अपने हॉस्पिटल  और क्लीनिक चॉबी एमडीए उपाध्यक्ष को सौंप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

आईएमए मेरठ शाखा के अध्यक्ष डा संदीप जैन ने बताया कि न्यूटिमा प्रकरण में दोनो संस्थाएं विगत चार पांच दिन से प्रशासन के सम्पर्क में है। अस्पताल में इस समय बहुत से मरीज भर्ती है। अस्पताल ने अस्पताल की कंपाउंडिंग करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा था। जिससे अस्पताल अपनी कम्पाउंडिंग करा सके। लगातार प्रशासन से निवेदन करने के बाद एमडीए से अस्पताल को सील करने का नोटिस दे दिया है। नोटिस मिलने के बाद न्यूटिमा के चिकित्सक व  आईएमए के चिकित्सक सकते में है। इस संदर्भ में बैठक में निर्णय लिया गया है। अगर मंगलवार को एमडीए ने न्यूटिमा अस्पताल पर सील कर कार्रवाई की तो आईएमए के 150 सदस्य व और आईएमए के सभी चिकित्सक अपने अस्पताल व क्लीनक की चॉबी मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी को सौंप कर अनिश्चित कालीन हडताल पर चले जाएंगे।

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पावर ऑफिसर एसोसिएशन का पश्चिमांचल इकाई मेरठ का क्षेत्रीय अधिवेशन हुआ संपन्न मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र सिंह तोमर रहे मौजूद

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पावर ऑफिसर एसोसिएशन का पश्चिमांचल इकाई मेरठ का क्षेत्रीय अधिवेशन हुआ संपन्न मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र सिंह तोमर ने लिया भाग स्वयं केंद्रीय कार्य समिति का माला पहनकर मेरठ की धरती पर किया स्वागत नई परंपरा शुरू कर पेश की मिसाल।

पावर ऑफिसर एसोसिएशन की केंद्रीय कार्य समिति के पदाधिकारी ने केंद्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में मेरठ पहुंचकर अपने सदस्यों की सुनी समस्याएं उपभोक्ता सेवा में सुधार पर दिया बल बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनने पर दिया जोर।

पश्चिमांचल पावर ऑफिसर एसोसिएशन इकाई का वोटिंग के आधार पर हुआ चुनाव जिसमें सर्वसम्मत से मुख्य अभियंता मेरठ राघवेंद्र यादव बने संरक्षक रविंद्र कुमार सिंह बने अध्यक्ष राजवीर सिंह महासचि।

 

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की तरफ से शुरू किए गए सभी बिजली कंपनियों मे क्षेत्रीय अधिवेशन के क्रम में आज पावर ऑफिसर एसोसिएशन मेरठ इकाई का अधिवेशन मुख्यालय मेरठ पर बुलाया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर सोमेंद्र सिंह तोमर ऊर्जा राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश ने भाग लेकर संगठन के सदस्यों की जहां समस्याएं सुनी वहीं उन्होंने मेरठ की धरती पर पावर ऑफिसर एसोसिएशन के केंद्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में पहुंची पूरी केंद्रीय टीम का स्वयं माला पहनकर स्वागत किया और एक नई परंपरा की शुरुआत और कहा आज मेरठ की धरती पर पावर ऑफिसर एसोसिएशन की केंद्रीय टीम आई है उसका स्वागत करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र सिंह तोमर ने कहा बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाकर प्रदेश के उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दिए जाने का रास्ता साफ किया जाएगा साथ ही उन्होंने कहा संगठन के अभियंता सदस्यों की जो भी समस्याएं हैं उसको संगठन की केंद्रीय कार्य समिति के साथ लखनऊ मुख्यालय पर बैठक कर उसका समाधान कराया जाएगा। उन्होंने आगे यह भी आश्वासन दिया की पावर ऑफिसर एसोसिएशन के सदस्यों की जो भी समस्याएं हैं उसे प्राथमिकता पर हल कराया जाएगा हम सभी का नैतिक दायित्व है कि हम सब ऊर्जा परिवार के लोग उपभोक्ता सेवा में सुधार करते हुए एक मुफ्त समाधान योजना को सफल बनाएं।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के केंद्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अपने सदस्यों की समस्याएं सुनते हुए कहा हम सभी का नैतिक दायित्व है कि उपभोक्ता सेवा में सुधार के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ उनकी सेवा करें उपभोक्ता है तो विभाग है जहां तक सवाल है दलित व पिछला वर्ग के अभियंता अधिकारियों के साथ हो रही उत्प्रात्मक कार्यवाही का तो संगठन पावर का अवसर प्रबंधन से इस पर वार्ता करके उसका समाधान कराएगा आगे संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा अनेकों ऐसे राज्य है जिनका बजट एक लाख करोड़ का होता है वही हमारे उत्तर प्रदेश में हमारा वार्षिक राजस्व आवश्यकता ही सभी बिजली कंपनियों की एक लाख करोड़ से ज्यादा की है जिससे आप सभी स्वत सोच सकते हैं कि ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धि कितनी महत्वपूर्ण है। सम्मेलन का संचालन राजवीर सिंह अध्यक्षता राघवेंद्र यादव मुख्य अभियंता अतिथियों का स्वागत सम्मान अरब सिंह, देवेंद्र ,मुकेश कुमार, प्रिंस गौतम,मनोज कुमार राजकुमार ने किया।
संगठन के केंद्रीय कार्य समिति के देखरेख में पश्चिमांचल इकाई का चुनाव भी संपन्न हुआ जिसमें सर्वसम्मत से वोटिंग के आधार पर पश्चिमांचल इकाई के संरक्षक के रूप में श्री राघवेंद्र यादव मुख्य अभियंता वितरण मेरठ क्षेत्र चुने गए उसके साथ ही रविंद्र कुमार सिंह अधिशासी अभियंता मुख्यालय अध्यक्ष बने वहीं महेश चंद्र कार्यवाहक अध्यक्ष, राजवीर सिंह महासचिव, उपाध्यक्ष के पद पर प्रिंस कुमार गौतम, अनुराग सिंह सचिव व अनिल कुमार वर्मा मीडिया प्रभारी आशीष लाल, संगठन सचिव प्रवीण कुमार सिंह कोषाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह को चुना गया।

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