नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च रक्तचाप (बीपी) व मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के 62 फॉर्मूलेशन के मूल्य को नियंत्रण के दायरे में लिया है। सरकार ने सितंबर 2025 तक घुटना प्रत्यारोपण में इस्तेमाल होने वाले सभी इम्प्लांट की कीमतों को नियंत्रण में रखा है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने बुधवार को जारी आदेश में कहा कि 126वीं बैठक में इन दवाओं और फॉर्मूलेशन के साथ ही घुटना प्रत्यारोपण से जुड़े इम्प्लांट को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया गया। एनपीपीए ने बताया कि इन 62 फॉर्मूलेशन में से एक आइबूप्रोफेन व पेरासिटामोल है जिसकी एक एमएल यूनिट का खुदरा मूल्य अधिकतम 50 पैसे तय किया है। रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने व रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले फॉर्मूलेशन हाइड्रोक्लोरोथियाजिडस, टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन से बनने वाली दवाएं बाजार में करीब 72 रुपये तक की कीमत में उपलब्ध हैं,
लेकिन इसका खुदरा मूल्य 10.23 रुपये तय किया गया है। सिरदर्द, चक्कर आना, हाथ-पैर ठंडे, हृदय गति धीमी होना, हाथ-पैर का सुन्न होना, रक्तचाप में कमी, कमजोरी में इस्तेमाल होने वाले बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट और टेल्मिसर्टन के फॉर्मूलेशन का खुदरा मूल्य 11.21 रुपये तय किया गया है। बाजार में फिलहाल यह करीब 130 से 150 रुपये तक में उपलब्ध है।