साइबर अपराधियों ने दवा कारोबारी को हथियारों का डीलर बताकर और 87 करोड़ रुपये के हथियारों की डील में शामिल होना बताकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। कॉल करने वाले साइबर अपराधियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और कॉल करके गिरफ्तारी का डर दिखाया। इसके बाद पीड़ित को करीब एक घंटे कमरे में बंद कराकर रखा। इस दौरान दवा कारोबारी के दोनों बैंक खातों और आधार की जानकारी ले ली। शुक्र रहा कि कारोबारी की मौसेरे बहन वहां मकान पर मौजूद थी और शक होने पर उन्होंने गेट खुलवा लिया। इसके बाद परिजनों ने तुरंत ही दवा कारोबारी के बैंक खातों को फ्रीज कराया है। मामले में एसएसपी मेरठ ने क्राइम ब्रांच और साइबर थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए लगाया है।
सिविल लाइन थानाक्षेत्र के विजयनगर निवासी संजय कुमार जैन और उनके बेटे सत्यम जैन दोनों दवा कारोबारी है। इनकी खैरनगर में संजय मेडिकल एजेंसी है। संजय कुमार जैन सोमवार को एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा के पास पहुंचे। बताया कि 19 अक्टूबर यानी शनिवार को वह अपनी मेडिकल एजेंसी पर थे, जबकि बेटा सत्यम घर पर था। सत्यम के मोबाइल पर सुबह 10.45 बजे एक कॉल आया था। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। सत्यम को कहा कि उसके नाम से आईसीआईसीआई बैंक में एक खाता है, जिसमें फर्जीवाडे की करीब 25 लाख रुपये की रकम का लेनदेन किया गया है। वहीं, यह भी बताया कि सत्यम का नाम 32 करोड़ रुपये और 55 करोड़ रुपये की हथियारों की डील में सामने आया है। बताया कि दोनों हथियारों की डील पिछले साल की गई थी, जिसकी जांच क्राइम ब्रांच को मिली थी। इसी जांच के दौरान सत्यम के दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया था।
सत्यम को धमकाते हुए सबसे पहले कहा कि वह अपने कमरे का दरवाजा बंद कर ले और किसी को कुछ न बताए। इसके बाद सत्यम ने अपना कमरा बंद कर लिया। इसके बाद आरोपी साइबर अपराधी ने सत्यम के मोबाइल पर वीडियो कॉल किया। सत्यम को वीडियो कॉल पर कुछ लोगों के फोटो देखकर पहचान कराने का प्रयास किया गया। सत्यम को बताया गया उसके ही दस्तावेज पर मुंबई में बैंक खाते खोले गए हैं। इसके अलावा सत्यम के दोनों बैंक खातों के नंबर और बाकी जानकारी साइबर अपराधियों ने ले ली। इसके अलावा उसके आधार की कॉपी भी अपने व्हाट्सएप नंबर पर साइबर अपराधियों ने मंगवा ली। इस दौरान सत्यम को करीब एक घंटा डिजिटल अरेस्ट किया गया।
सत्यम को इतना डराया गया कि उनकी हालत बिगड़ गई। संजय कुमार जैन ने बताया कि जब सत्यम को एजेंसी पर पहुंचने में देरी हुई तो उन्होंने कॉल किया था। इसके बाद सत्यम के कमरे का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया गया और उसे बताया कि एजेंसी से कॉल है। इस दौरान सत्यम ने बात करने से मना कर दिया और कहा कि पिताजी से कह दो किसी काम से बाजार गया हूं। इसके बाद करीब एक घंटे तक सत्यम कमरे में ही कैद रहा और इन साइबर अपराधियों से बातचीत के चलते काफी डर गया था।
सत्यम की मौसेरी बहन पिंकी दिल्ली से शनिवार को विजयनगर आई हुई थी। सत्यम की गतिविधियां देखकर पिंकी को शक हो गया। उन्हें लगा कि किसी ने सत्यम को डिजिटल अरेस्ट कर दिया है या फिर कोई अन्य समस्या है। ऐसे में पिंकी ने परिजनों को सतर्क किया और दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। इस दौरान संजय कुमार जैन को भी घटना की जानकारी दी गई। बाद में संजय जैन ने अपने कुछ परिचित लोगों को घर पर भेजा, जिसके बाद दरवाजा तोड़ दिया गया। जिस समय परिजन अंदर कमरे में घुसे, सत्यम फोन पर बात कर रहा था और काफी घबराया हुआ था। इस दौरान पिंकी ने सत्यम का फोन लेकर उसे बंद कर दिया। इसके बाद सत्यम से बातचीत करने का प्रयास किया तो वह बार बार यही बोलता रहा कि उसने कुछ नहीं किया। कभी कोई गलत काम नहीं किया है। कोई हथियारों की डील नहीं की है। ऐसे में पूरा मामला भांपकर सत्यम को समझाया और उससे पूरी बात पता की। जब पता चला कि बैंक डिटेल और बाकी जानकारी साइबर अपराधियों ने ली है तो तुरंत ही दोनों बैंक खातों को फ्रीज कराया कराया गया।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने इसी मामले में शिकायत पर कार्रवाई के लिए क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम थाना पुलिस को लगाया है। एसपी क्राइम अवनीश कुमार को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी है। साथ ही इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा आरोपियों की धरपकड़ और उनके मोबाइल नंबर को ब्लॉक कराने के लिए कहा गया है।