सिप्ला ने टफीज अभियान लॉन्च किया
मेरठ : इस विश्व अस्थमा जागरूकता महीने में सिप्ला ने टफीज नामक अपने सामान्य मरीज एवं सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की है जिसका उद्देश्य बच्चों विशेष रूप से जो अस्थमा जैसी बीमारी से पीड़ित हैं पर ध्यान केंद्रित करते हुए श्वसन संबंधी देखभाल में सुधार लाने के लिए जागरूकता बढ़ाना है इस रोग के बारे में अपर्याप्त जागरूकता और इसके बुनियादी उपचार यानी इन्हेलेशन थेरेपी से जुड़ी हुई गलत धारणाएं और मिथकों के कारण अस्थमा के कई मामलों का निदान नहीं हो पाता और इसका उपचार ही नहीं कराया जाता है। इन सबका नतीजा यह होता है कि अस्थमा नियंत्रण के बाहर हो जाता है और जीवन की गुणवत्ता पर बहुत खराब असर पड़ता है
टफीज जैसे अभियान के माध्यम से बच्चों से जुड़े अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. अनुज रस्तोगी नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ मेरठ ने कहा बच्चों में अस्थमा जैसी बीमारी का होना बच्चे और उसके परिवार दोनों के लिए तकलीफदेह हो सकता है यह एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसके लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए अक्सर लगातार और गहन प्रबंधन की आवश्यकता होती है यदि इस बीमारी का निदान प्रारंभिक अवस्था में हो और उचित उपचार किया जाए तो इस बीमारी के बार बार होने और इसकी तीव्रता को कम करने में सहायता मिल सकती है। हालांकि, इस बीमारी और व्यापक तौर पर उपयोग की जाने वाली और सामाजिक कारणों सहित सबसे ज्यादा अनुशंसित इन्हेलेशन थेरेपी के बारे में गलतफहमी के कारण माता-पिता अक्सर इस बीमारी से पीड़ित होने की बात छिपाते हैं और तब तक उपचार करवाना टालते हैं जब तक लक्षण बहुत अधिक बिगड़ न जाएं। इस वजह से अंत में नतीजा यह होता है कि बीमारी का प्रबंधन पर्याप्त रूप से नहीं हो पाता और साथ ही जीवन की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है जिसमें बार बार अस्पताल में भर्ती करना और स्कूल में अनुपस्थित रहने की नौबत आने जैसी परेशानियाँ शामिल हैं। इस बीमारी से जुड़े कलंक से लड़ने के लिए ‘टफीज’ जैसे अभियान महत्वपूर्ण हैं ताकि अस्थमा से पीड़ित बच्चों को सशक्त बनाने के लिए एक अधिक सहायक माहौल का निर्माण किया जा सके।
डॉ. भरत सुखीजा नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ, मेरठ ने कहा माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए अपने बच्चों के हेल्थिकेयर प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सबसे योग्य अस्थमा प्रबंधन रणनीतियों का पालन करने के लिए उनके पास आवश्यक जानकारी और साधन उपलब्ध हैं। बच्चों के जीवन पर अस्थमा के असली प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी और इसके साथ ही इसके अनुशंसित उपचार तरीकों से जुड़ी गलफहमियों, मिथकों या गलत धारणाओं को दूर करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा करके हम परिवारों को सक्षम बना सकते हैं ताकि वे आवश्यक देखभाल की सुविधा ढूंढ सकें और उनके बच्चों को अपनी पूरी क्षमता के अनुसार बढ़ने में सहायता कर सकें।
अस्थमा जैसे पुराने श्वसन संबंधी रोगों और इसके उपचार से जुड़ी झूठी बातों और कलंक पर बात करने के लिए टफीज अभियान की शुरूआत की गई है जिसका लक्ष्य है 5 से 10 साल के बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों को आपस में जोड़ना। जबकि इस अभियान की शुरूआत कॉमिक किताब के साथ हुई है लेकिन कुछ समय बाद एक एनिमेटेड वीडियो सीरीज भी लाई जाएगी।