मेरठ । विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान बहुजन समाज पार्टी में उठापटक शुरू हो गई है। पार्टी हाईकमान ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में मेरठ मंडल के प्रभारी प्रशांत गौतम, जिला – प्रभारी दिनेश काजीपुर और महावीर प्रधान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले भी तीनों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनके अलावा पश्चिम उप्र के तीन बड़े नेता भी पार्टी हाईकमान की रडार पर हैं। वहीं, प्रशांत गौतम का कहना है कि तीनों को पार्टी राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी में जाने पर पार्टी से निकाला गया है।
उप्र की नौ विधान सभा सीटों पर 20 नवंबर उपचुनाव होना है। बसपा ने उपचुनाव में इन सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने भी उपचुनाव में प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा के कोर वोट बैंक माने जाने वाले दलित समाज में आसपा ने भी सेंध लगानी शुरू कर दी है। बसपा के वोट बैंक को भाजपा, सपा ही नहीं बल्कि आसपा भी प्रभावित कर रही है।
प्रभावित कर रही है। बसपा अपना कौर वोट बैंक बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। ऐसी स्थिति में बसपा हाईकमान ने मीरापुर, गाजियाबाद समेत सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए पार्टी के मंडल कोर्डिनेटर, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्षों को लगाया हुआ है। पार्टी मुखिया सभी प्रत्याशी और पदाधिकारियों की निगरानी कर रही हैं। गतिविधियों की निगरानी कर रही है।
प्रशांत गौतम का कहना है कि बसपा हाईकमान के पीए मेवालाल गौतम ने फोन कर हमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी समारोह में न जाने के निर्देश दिए थे। जिसकी ऑडियो हमारे पास है। शादी समारोह में मुजफ्फरनगर से कोई – समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता, पूर्व सांसद । कादिर राणा, उनकी पुत्रवधु मोरना सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा (मुनकाद अली की – बेटी) भी नहीं पहुंचीं थीं।
बसपा के जिलाध्यक्ष मोहित जाटव का कहना है कि हाईकमान के निर्देश पर पार्टी से निकाले गए तीनों पदाधिकारियों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कई बार चेतावनी दी गई, इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ।