पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी क्रिसमस का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। मेरठ शहर के सभी चर्च में सोमवार अर्द्धरात्रि को बारह बजे प्रभु यीशु के जन्म के गीत गूंज उठे। 34 चर्च में एक साथ एक ही समय पर आयोजन हुए। यीशु मसीह के जन्म पर प्रार्थना सभाएं हुई। फादर, रैव्ह. और ब्रदर्स ने यीशु के आगमन की शुभकामनाएं देते हुए संदेश सुनाया।
मेरठ के संजोज़फ़ चर्च में प्रभु यीशु के लिये प्राथना हुई चर्च में क्वायर्स द्वारा कैरल गाए गए। कैंडल जलाकर और केक काटकर यीशु मसीह के आगमन की खुशियां मनाई। चर्च में रात्रि 11 बजे से मध्य रात्रि 12 बजे तक क्रिसमस ईव की आराधना हुई। मेरठ के बच्चा पार्क सेंट थॉमस चर्च में भी आराधना हुई जिसका संचालन फादर पारितोष नाएल ने किया। रीडर पीटर एम सिंह और जेरिल के सिंह ने बाइबल का पाठ पढ़ा। आराधना में शहर के सभी ईसाई समाज के लोग मौजूद रहे। फादर पारितोष नोएल ने बताया कि किस प्रकार हम क्रिसमस के नजदीक रहकर भी उसे ठीक प्रकार ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
फादर जॉन चिन्मय ने बताया कि क्रिसमस का त्योहार शांति का प्रतीक माना जाता है उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले आये प्रभु यीशु ने इस धरती पर आकर शांति का पैगाम दिया उन्होंने ये भी कहा कि यीशु ने हम सब के लिये इस लिये परेशानियों का सामना किया ताकि हम लोग उनके बताये हुए रास्तो पर चल कर शांति का पैगाम दे। उन्होंने कहा कि अगर शांति किस तरह से मिलती है वो प्रभु यीशु के मार्गदर्शन से मिल सकती है। लोग अपने यीशु की संदेशों को सुनने के लिये चर्च आते है यीशु कहते है किसी का बुरा मत करो सब से प्रेम करो और सच्चाई के रास्तो पर चलना है यीशु के चाहने वालो का काम है।