मेरठ कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला बनी सराय का रहने वाला तिहरे हत्या कांड का आरोपी नदीम उर्फ कालिया पुलिस की छापेमारी से परेशान होकर भाजपा में शामिल हो गया है। कालिया मेरठ में जगह जगह भाजपा के दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला के होर्डिंग में देखा जा सकता है। नदीम उर्फ कालिया के भाजपा में जाने से लोग भाजपा के दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला बाते बनने लगी है।
सात जून 2003 को नदीम कालिया ने अपने भाइयो के साथ मिलकर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। 2008 में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन अदालत ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। खुद को नाबलिक बता कर जेल से रिहा हुआ नदीम कालिया अब भाजपा नेता बन कर रसूख बना रहा है। वही नदीम ने शहर भर में अपने फोटो के साथ पोस्टर ओर होर्डिंग भी लगवाये हुए है जिसमे भाजपा के दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला की भी तस्वीर साफ देखी जा सकती है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला बनी सराय में सात जून 2023 को नदीम उर्फ कालिया ने अपने भाई मुन्ना खालिद मोइनुद्दीन ओर ढवाई नगर निवासी अपने साथी रिश्तेदार ताहिर के साथ मिलकर डॉक्टर नसीरुद्दीन उनके बेटे प्रिंस उर्फ गुलाम सहित उर्फ गुड्डू को मौत के घाट उतार दिया था। वही हमले में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। मृतक के परिवार वालो की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया था।
वर्ष 2008 में पांचों हत्या के आरोपीयो को मेरठ कोर्ट ने फांसी की सुना दी थी। इसके बाद आरोपी के परिवार वालो ने कोर्ट परिसर में जमकर तोड़फोड़ कर दी। इसी के चलते सभी आरोपियों को मेरठ जेल से आगरा की जेल में शिफ्ट कर दिया था। वही कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को फांसी की सजा को उम्रकैद की सजा में बदल दिया था।
करीब तीन साल पहले नदीम उर्फ कालिया ने अपने आप को नाबलिक बताया था। ओर सीएमओ की रिपोर्ट भी पेश की थी। जिसमे नदीम की उस समय की उम्र 15 साल बताई गई थी। नाबलिक होने के चलते कोर्ट ने नदीम को बरी कर दिया था। तभी से नदीम उर्फ कालिया बाहर घूम रहा है। जिसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने अपील की अपील के दौरान पीड़ित पक्ष ने बताया की नदीम के नाम पर 2003 में ही शस्त्र लाइसेंस बन गया था।
कोर्ट में सुनवाई करते हुए नदीम को बालिक माना ओर उम्रकैद की सजा को बेकरार रखा। नदीम उर्फ कालिया ने पूर्व में रहे कोतवाली थाना क्षेत्र प्रभारी विजय गुप्ता को माला पहना कर स्वागत भी किया था। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने बवाल भी किया था। इसी के चलते विजय गुप्ता को कोतवाली से हटा दिया गया था। दो महीने पहले नदीम ने लिसाड़ीगेट के लूहारपुरा में एक महिला के मकान पर कब्जा करने का भी प्रयास किया था।
जिसके बाद पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर नदीम उर्फ कालिया के ऊपर रंगदारी का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। वही 5 दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया। आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नदीम उर्फ कालिया को तीन हफ्ते के अंदर जेल वापस भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश जारी होने के बाद नदीम उर्फ कालिया ने तुरंत भाजपा के दर्जा प्राप्त मंत्री सुनील भराला के साथ मेरठ में जगह जगह अपने होर्डिंग लगाये है।
हालांकि मामले में भाजपा नेता पंडित सुनील भराला का कहना है कि वह किसी नदीम पहलवान या नदीम कालिया को नही जानता है। अगर उसके साथ किसी ने फोटो लगाया है। तो जांच करा कर शिकायत की जाएगी।