आज की भागदौड़ की जिंदगी कितनी ममुश्किल हो रही है इसका अंदाजा आप को तब महसूस होता है जब आप पूरे दिन की भागदौड़ के बाद शाम को घर आते है इसी भागदौड़ भरी जिंदगी में क्या आप अपना ख्याल रख रहे है अगर नही तो आज हम एक ऐसे चिकित्सक से मिलाने जा रहे है जो आप को आसान तरीके से अपना ओर अपने परिवार को स्वस्थ देख सकते हैं।
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डॉ संजीव शर्मा एक योग एवं एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट है वो कहता है कि चिकित्सा जगत में कई तरह से बीमारियों का इलाज किया जाता है। कही उपचार के लिए दवाइयों का उपयोग होता है, तो कहीं पर जड़ी-बूटियों से इलाज किया जाता है । वहीं, कुछ लोग शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योग करते हैं। बीमारियों और शारीरिक समस्याओं को दूर करने का एक और भी तरीका है, जिसे एक्यूप्रेशर कहते है । एक्यूप्रेशर की शुरुआत चीन में हुई थी और यह कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है । तनाव को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर एक आसान और सुरक्षित तकनीक हो सकती है। यह नसों पर दबाव के माध्यम से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करने में भी सहायक साबित होती है, जिससे तनाव को कम किया जा सकता है । वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि एक्यूप्रेशर से तनाव के साथ-साथ हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया के दौरान किडनी रोगियों में होने वाले अवसाद, चिंता और सामान्य मनोवैज्ञानिक समस्या को भी कम किया जा सकता है । किडनी की समस्या से ग्रस्त मरीजों के रक्त को साफ करने के लिए की जानी वाली प्रक्रिया को हेमोडायलिसिस कहा जाता है।
प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा को कम करने में भी एक्यूप्रेसर कारगर हो सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि एक्यूप्रेशर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान दी जाने वाली देखभाल में फायदेमंद हो सकता है। वही डॉ संजीव शर्मा ने बतलाया कि कई मरीज ऐसे भी आते है जिनको महीनों बाद सर्वाइकल जैसी बीमारी का मालूम होता है और वो उससे पहले एलोपैथी दवाइयों का सेवन कर चुके है लेकिन एक्यूप्रेशर करने और योग करने से उन मरीज़ों को फायदे पहुचे है और आज भी हमारे पास दूर दूर से मरीज आते है जिनका 100 प्रतिशत इलाज में अभी तक आराम ही मिला है और किसी को कोई परेशानी डोदोबारा कभी नही हुई है ।