मेरठ। मेडिकल कालेज मेरठ प्रधानाचार्य डॉ. आरसी गुप्ता के नेतृत्व में दिन-प्रतिदिन प्रगति कर रहा हैं। इसी क्रम में शनिवार को राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंर्तगत वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की एक दिवसीय प्रशिक्षण में वेस्ट यूपी मे मेरठ,सहारनपुर,बिजनौर,नोएडा आदि से आये फार्मासिस्ट को प्रशिक्षित किया गया। सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
कार्यशाला में डॉ रितु गुप्ता सहा. आचार्य फार्मेसी विभाग ने हेपेटाइटिस बी वायरस के इतिहास के बारे में विस्तार से वर्णन किया, डॉ राहुल सिंह सहा. आचार्य फार्मेसी विभाग ने हेपेटाइटिस सी वायरस के इतिहास के बारे में सभी फार्मासिस्ट को विस्तारपूर्वक बताया। डॉ विवेक ऋषि सहा. आचार्य व डॉ रचना सेमवाल सहा. आचार्य मेडिसिन विभाग ने हेपेटाइटिस के उपचार के विषय में चर्चा की।
हेपेटाइटिस मॉडल ट्रिटमेंट सेंटर मेडिकल कालेज मेरठ के प्रभारी अधिकारी डा अरविंद कुमार ने बताया कि देश में हैपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई के दिन 2018 में शुरू किया।जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त कराना है।
हैपेटाइटिस के लक्षण
भूख का कम लगना, शरीर में कमजोरी लगना, आंख पिसाब एवम त्वचा का रंग पीला होना, मिचली आना, हल्का बुखार होना, सिर एवम पेट में दर्द का रहना, जोड़ों में दर्द रहना आदि हैं।
हेपेटाइटिस बी एवम सी का संक्रमण कैसे फैलता है-
हेपेटाइटिस का संक्रमण उपयोग किए गए इंजेक्शन अथवा सिरिंज का पुनः उपयोग, इंजेक्शन की सुइयों का साझा किया जाना, टैटू, शारीरिक अंग जैसे नाक, कान व अन्य अंगों को भेदने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग, रेजर, ब्लेड, नेल कटर, टूथ ब्रश का साझा करना, असुरक्षित समलैंगिक अथवा विषमलैंगिक यौन संबंध बनाना, संक्रमित रक्त एवम रक्त उत्पाद का संचार, डायलिसिस आदि।
हैपेटाइटिस बी के संक्रमण का मां से शिशु को संचरण एवं उपचार-
सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर कराना चाहिए एवम धनात्मक पाई गई गर्भवती महिलाओं को प्रसव स्वास्थ्य केंद्र पर ही करना चाहिए। नवजात शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी के पहले टीके की खुराक दिया जाना अनिवार्य है।
भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी जिला मुख्यालयों पर ट्रिटमेंट सेंटर को जिला अस्पतालों में स्थपित किया गया तथा सरकारी मेडिकल कलेजों को मॉडल ट्रिटमेंट सेंटर बनाया गया। सभी जिला अस्पतालों एवम माडल ट्रिटमेंट सेंटर पर सभी जांच एवम दवा निःशुल्क उपलब्ध है।
हेपेटाइटिस बी एवं सी हेतु कौन-कौन सी जाँच कराये-
यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस का लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें एवम जांच कराएं। पैथोलॉजी विभाग में उपलब्ध जांचे एस जी ओ टी, एस जी पी टी एवम बिलुरुबीन,वायरल मार्कर टेस्ट जैसे एच बीए स ए जी, एंटी एच सी वी एवं इनके वायरल लोड की जांच कराकर रोग की गंभीरता को मापा जा सकता है।उज्जवल ने सभी फार्मासिस्ट को एनवीएचसीपी पोर्टल पर डेटा एंट्री तथा दवा वितरण के संबंध में जानकारी दी। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने प्रशिक्षण शिविर के सफल आयोजन हेतु नोडल अधिकारी डॉ अरविन्द कुमार ,मेडिसिन तथा फार्मेसी विभाग को बधाई दी।
इस अवसर पर फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डा एस के पालीवाल,डा विभु साहनी,मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा आभा गुप्ता,डा योगिता सिंह, डा प्रदीप कुमार, डा स्नेहलता वर्मा,डा अमरेन्द्र चौधरी,डा नीरज,डा वंदना एवं मेडिसिन विभाग के जुनियर रेजिडेंट डॉक्टर, मेडिसिन/फार्मेसी विभाग के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।